एक तरफ राजधानी दिल्ली में नए कृषि बिल के खिलाफ किसान धरने पर बैठे हुए हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में बीजेपी किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है. इस दौरान बीजेपी नेता विपक्षा पार्टियों पर भी हमलावर हो रहे हैं. ग्वालियर में आयोजित किसान सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा हैं. वहीं उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
और पढ़ें: दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के उपवास पर CM शिवराज सिंह चौहान ने बोला हमला
नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. दूसरी तरफ आप जैसे किसान नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए. मैं आप सब का स्वागत और अभिनंदन करना चाहता हूं.
When attempts are being made to mislead & agitate farmers of Punjab in one corner of the nation, you gathered in Rewa, Sagar, Gwalior, Ujjain & other places to support farm laws by Narendra Modi govt. I thank all of you: Agriculture Minister NS Tomar at Kisan Sammelan in Gwalior pic.twitter.com/ajKgRwQ3ZX
— ANI (@ANI) December 16, 2020
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब की किसान यूनियन से भी बात चल रही है. मुझे आशा है कि जल्दी ही समाधान निकलेगा. सरकार संशोधन प्रस्ताव पर विचार कर रही है. जैसे ही प्रतिक्रिया आएगी हम दोबारा बात करेंगे.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये भी कहा कि स्वामीनाथन कमेटी ने कहा कि किसान की लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर MSP घोषित होना चाहिए. स्वामीनाथन कमेटी ने अपनी सिफारिशें 2006 में UPA सरकार को पेश की परन्तु निर्णय नहीं लिया गया. लेकिन मोदी सरकार ने लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर MSP घोषित करने का काम किया.
ये भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के उपवास पर CM शिवराज सिंह चौहान ने बोला हमला
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना और प्रदर्शन जारी है तो वहीं मध्य प्रदेश में इन कानूनों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी जहां कानूनों को किसान हित में बता रही है, वहीं कांग्रेस किसान विरोधी.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का दिल्ली के आसपास बीते 20 दिनों से डेरा डाले है और वो इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, साथ ही उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया है. केंद्र सरकार और बीजेपी इस आंदोलन पर सवाल भी उठा रही
Source : News Nation Bureau