ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक कलयुगी पिता को अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी है. दुष्कर्मी पिता पर अलग-अलग धाराओं में 10 हजार का दंड भी लगाया गया है. घटना करीब ढाई साल पहले की है. महाराजपुर इलाके में रहने वाली कक्षा सात की छात्रा अपने स्कूल गई थी. दोपहर में उसका पिता अचानक लड़की को लेने स्कूल पहुंच गया. लड़की की मां उस समय घर में नहीं थी. पिता ने अपनी बच्ची को घर में लाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और धमकाया. लड़की की मां, जब घर आई तब पीड़िता ने पिता की हरकत के बारे में बताया. लड़की और उसकी मां ने थाने पहुंचकर अपने ही परिजन के खिलाफ दुष्कर्म और पास्को एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया.
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इसके बाद पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था. तभी से वह जेल में बंद है. पास्को एक्ट में उसके खिलाफ पुलिस ने चालान पेश किया था. कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि बेटियां अपने पिता के घर सुरक्षित महसूस करती हैं, क्योंकि पिता उनका संरक्षक होता है. लेकिन जब पिता ही ऐसी हरकत करेगा तो घर की बेटियां किस तरह से सुरक्षित रहेंगी. इसलिए दुष्कर्मी पिता के खिलाफ सजा में कोई रियायत नहीं बरती जा सकती और कोर्ट ने दुष्कर्मी पिता को उम्र कैद की सजा से दंडित किया. इसके साथ ही आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि इस व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी और बेटी ने ही अदालत में गवाही दी, जो उसे सजा दिलाने में मुख्य गवाही मानी गई .
Source : News Nation Bureau