मध्यप्रदेश में सिंथेटिक दूध और दुग्ध उत्पाद के कारोबार में लगे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई किए जाने के सिलसिले की शुरुआत उज्जैन से हो गई है. यहां मिलावटी घी बनाने वाले के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात दोहराई. आधिकारिक तौर पर गुरुवार को दी गई जानकारी के अनुसार, खाद्य अधिकारियों द्वारा श्रीकृष्ण उद्योग में छापामार कार्रवाई की गई, जिसमें पता चला कि वहां मिलावटी घी बनाकर पैकिंग की जाती है. कलेक्टर (जिलाधिकारी) शशांक मिश्रा ने उज्जैन निवासी कीर्तिवर्धन केलकर के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने का आदेश जारी किया है.
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राज्य में सिंथेटिक दूध और उसके जरिए बनाए जाने वाले उत्पादों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान सरकार ने मिलावट खोरों के खिलाफ रासुका कार्रवाई करने का फैसला लिया था. उज्जैन में यह पहला मामला है, जहां इस तरह की कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई का संकल्प दोहराते हुए ट्वीट किया, 'दूध व दूध से बने उत्पाद या अन्य सभी खाद्य पदार्थो में मिलावट की बात, ऐसा कृत्य करने वाले समाज, इंसानियत व मानवता के दुश्मन, कतई माफ करने योग्य नहीं हैं.'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'प्रदेश में दूध व दूध से बने उत्पादों के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई सतत जारी रहेगी.'
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इसके अलावा उज्जैन के कलेक्टर ने दो अन्य लोगों के खिलाफ अन्य मामलों में भी रासुका के तहत कार्रवाई की है. ये दोनों हैं थाना चिमनगंज मंडी निवासी रौनक और रोशन (दोनों के पिता मनोहरसिंह गुर्जर). कलेक्टर ने वर्षो से लगातार सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम दुस्साहसपूर्ण मारपीट, आगजनी और जान से मारने की धमकी जैसे कृत्य करने पर रासुका की कार्रवाई की है.
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