पहले इंदौर, अब राजधानी भोपाल में बिगड़ रहे कोरोना को लेकर हालात

सरकार भोपाल को लेकर ज्यादा ही गंभीर हो गई है. सरकार का रवैया भी सख्त हो चला है. मास्क न लगाने वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों तक पर कार्रवाई की तैयारी है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल में कोरोना के बढ़ते मामले ला रहे शिवराज सिंह की पेशानी पर बल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल (Bhopal) में भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं. यही कारण है कि सरकार भोपाल को लेकर ज्यादा ही गंभीर हो गई है. सरकार का रवैया भी सख्त हो चला है. मास्क न लगाने वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों तक पर कार्रवाई की तैयारी है. राज्य में कोरोना (Corona Virus) संक्रमितों की स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि मरीजों का आंकड़ा 31 हजार के करीब पहुंच गया है. मरीजों की संख्या के मामले में इंदौर पहले नंबर पर है, जहां कुल मरीज 7216 हैं, वहीं भोपाल दूसरे नंबर पर है. यहां मरीजों की संख्या 6313 है. मगर बीते कुछ दिनों में इंदौर के मुकाबले भोपाल में ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं.

भोपाल में 10 दिनों की बंदी
कोरोना केा लेकर भोपाल में दस दिन की पूर्णबंदी की गई है. यह चार अगस्त तक जारी रहेगी, मगर फिर भी भोपाल में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हेा रहा है. इंदौर के मुकाबले भोपाल में अब ज्यादा मरीज निकल रहे हैं. शुक्रवार को भोपाल में 208 मरीज सामने आए और मरीजों की कुल संख्या 6313 हो गई है. इसके अलावा इंदौर में 112 मरीजों का इजाफा हुआ है. गुरुवार को भोपाल में 233 मरीज तो इंदौर में 84 मरीज सामने आए. इसी तरह बुधवार को भेापाल में 199 और इंदौर में 74 मरीज सामने आए. मंगलवार को भेापाल में 170 और इंदौर में 73 मरीज मिले.

यह भी पढ़ेंः भारत में कोरोना के मामले 17 लाख के करीब, पिछले 24 घंटे में मिले रिकॉर्ड 57,117 मरीज

इंदौर से ज्यादा डरा रहा भोपाल
अब से लगभग एक माह अर्थात 30 जून की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है कि भोपाल में कुल मरीज 2789 थे और इंदौर से कम मरीज सामने आ रहे थे, तब इंदौर में मरीजों की संख्या 4709 थी. अब भोपाल में कुल मरीज 6313 हैं तो इंदौर में 7328 हैं. इसके साथ ही जून में भोपाल का रिकवरी रेट भी अच्छा था, 30 जून को जहां 25 मरीज सामने आए थे वहीं 105 मरीज स्वस्थ होकर घरों को गए थे. वहीं 30 जुलाई को 233 मरीज सामने आए और 190 स्वस्थ हेाकर घरों को गए.

सीएम शिवराज सिंह भी चिंतित
भोपाल में मरीजों की बढ़ती संख्या पर पूर्व में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिंता जता चुके हैं और लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का उपयोग करने का आग्रह कर रहे हैं. अब सरकार का रवैया सख्त हो गया है. मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जनप्रतिनिधि हों अथवा अधिकारी हो, यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो फिर कार्यवाही होगी. कोरोना को समाप्त करने के लिए सभी को इन सावधानियों को बरतना अनिवार्य है.'

यह भी पढ़ेंः टॉप गियर में आया कोरोना संक्रमण, महज 10 दिनों में 5 लाख नए मामले

दी दौरे नहीं करने की सलाह
उन्होंने मंत्रियो से कहा कि 'आगामी 14 अगस्त तक कोई सार्वजनिक दौरे नहीं करें, वीसी के माध्यम से बैठकें करें, वर्चुअल रैली करें, अपने आवास पर भी एक बार में पांच से अधिक व्यक्तियों से न मिलें.' स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया है कि भोपाल में एंटीजन टेस्ट भी प्रारंभ कर दिए गए हैं. इससे अब बड़ी संख्या में तथा जल्दी कोरोना टेस्ट हो सकेंगे. भोपाल में एक तरफ जहां निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर में बदला जा रहा है, वहीं पेड क्वारेंटाइन व्यवस्था करते हुए होटल को क्वारेंटाइन सेंटर मे बदला जा रहा है. कलेक्टर अविनाश लावनिया ने बताया कि 'भोपाल में कोरोना के इलाज एवं क्वॉरेंटाइन की नि:शुल्क शासकीय व्यवस्था के अलावा अब पेड व्यवस्था भी निजी क्षेत्र में प्रारंभ हो गई है.'

कांग्रेस कस रही तंज
रैलियों और आयोजनों पर रोक के साथ मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों पर मास्क न लगाने की कार्यवाही के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने तंज सकते हुए कहा है, 'सीएम साहिब आप ऐसी घोषणाएं क्यों करते है जो आप कभी पूरा नहीं कर सकते. क्या आप प्रदेश के गृह मंत्री नरेात्तम मिश्रा, जो कभी मास्क लगाए नहीं दिखे, उन पर कार्यवाही की कल्पना भी कर सकते हैं. कुछ समझदार लोग मास्क नहीं लगाना अपनी पहचान समझते है.'

covid-19 bhopal corona-cases Shivraj Singh Chouhan Indore
Advertisment
Advertisment
Advertisment