मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला ग्वालियर से सामने आया है. यहां एक वकील को ठगों ने शिकार बनाया है. अपराधइयों ने उसको 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और 16 लाख रुपये की ठगी कर ली. ओडिशा और राजस्थान के कुछ खातों में ठगी की रकम पहुंची है. पुलिस अब इसी आधार पर और वकील के शिकायत पर बदमाशों की तलाश में जुट गई है. पुलिस का कहना है कि मामले में तफ्तीश की जा रही है.
दरअसल, पेशे से वकील जगमोहन श्रीवास्तव को पिछले महीने अक्टूबर में साइबर ठगों ने फोन किया. ठगों ने खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड के जरिए चीन के बीजिंग के लिए एक संदिग्ध पार्सल बुक हुआ है, जिसे कस्टम विभाग ने पकड़ा है. पार्सल में 400 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और एक दर्जन से ज्यादा क्रेडिट डेबिट कार्ड भी बरामद हुए हैं.
CBI अधिकारी बनकर किया फोन
वकील जगमोहन ने कथित कूरियर कर्मचारी राहुल शर्मा से कहा कि उसने कोई पार्सल बुक नहीं किया है. इसके बाद कथित राहुल शर्मा ने कहा कि वह इसकी तुरंत शिकायत करें. इसके बाद साइबर ठगों ने पहले क्राइम ब्रांच और फिर सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें फोन किया. इसके बाद बताया कि इस मामले में अब तक करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
इतना ही नहीं बरामद क्रेडिट कार्ड भी वकील के नाम बताया गया. इसके बाद साइबर ठगों ने वकील जगमोहन श्रीवास्तव को दोपहर से रात तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. उनसे नया खाता खुलवाकर उड़ीसा और राजस्थान के विभिन्न खातों में 16 लाख रुपये ट्रांसफर करवाने को मजबूर कर दिया. इसके बाद वकील ने अपने दोस्त को फोन किया तो उनके दोस्त ने बताया कि इस तरह के फोन अक्सर लोगों के पास आते रहते हैं. तब जाकर उन्हें पता लगा कि वह ठगे गए हैं.
मामले में पुलिस ने कही ये बात
वकील ठगों से इतना घबरा गया कि वह अपनी डिजिटल अरेस्ट के बारे में किसी को भी बताने से कतराने लगा. पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह का कहना है कि इस मामले में ट्रांसफर की गई रकम के आधार पर अपराधियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. जल्द ही उन्हें शातिर ठग पुलिस की गिरफ्त में होंगे और रकम भी रिकवर की जाएगी.