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ग्वालियर: 3419 करोड़ से ज्यादा का बिजली बिल, देखते ही परिवार के उड़े होश

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिह तोमर के गृह जिले से बिजली कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. यहां, लगभग 30 से 35 उपभोक्ताओं को करोड़ों रूपए के बिल थमा दिए गए है. एक उपभोक्ता तो ऐसा है जिसे 3000 करोड़ से ज्यादा...

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Shravan Shukla
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Electricity company bill( Photo Credit : Representative Pic)

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मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिह तोमर के गृह जिले से बिजली कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. यहां, लगभग 30 से 35 उपभोक्ताओं को करोड़ों रूपए के बिल थमा दिए गए है. एक उपभोक्ता तो ऐसा है जिसे 3000 करोड़ से ज्यादा का बिल दे दिया गया. बिजली के बिलों को लेकर पहले भी विवादित खबरें सामने आई है. लेकिन इस बार बिजली कंपनी ने हैरान कर देने वाला कारनामा कर दिखाया. वह भी ऐसा जिसे सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई और होश उड़ गए. ग्वालियर के पॉश इलाके मेट्रो टॉवर के पीछे शिवनगर में रहने वाले संजीव कनकने गुप्ता के मोबाइल पर बिजली बिल का मैसेज आया. बिल की राशि को देखकर संजीव हैरान रह गए. उनको जुलाई में मिले बिल पर 3 हजार 419 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए लिखे थे. उन्होंने बिजली कंपनी की वेबसाइट पर जाकर चेक किया और वहां भी यही राशि दिखी. बिल जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई थी. बिजली बिल की इतनी बड़ी राशि देखकर सुनील के परिवार के होश उड़ गए.

बिल की शिकायत लेकर जब सुनील बिजली घर पहुंचे तो विभाग को अपनी लापरवाही नजर आई. मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक नितिन मंगलानी इसकी जांच कराई. और लापरवाही मानते हुए उन्होंने असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर तनय सक्सेना को निलंबित कर दिया है. वहीं मीटर रीडर अनिल और केपीओ राहुल परिहार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.

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30-35 उपभोक्ताओं के साथ हुआ मजाक!

सिटी सेंटर जोन की संजीव अकेले उपभोक्ता नहीं है बल्कि संजीव जैसे करीब 30 से 35 उपभोक्ता हैं. जिन्हें इसी तरह के बिजली बिल मिले हैं जिसमें हजारों करोड़ रुपए की राशि जमा करने की बात लिखी थी, वह उनके मोबाइल पर मैसेज के जरिए मिली। बर्खास्त हुए दोनों कर्मचारी आउटसोर्स कंपनी से थे. निलंबित कर्मचारी बिजली कंपनी का स्थायी कर्मचारी है. इस मामले में महाप्रबंधक ने सिटी सेंटर जोन के एई-जेई और ईस्ट डिवीजन के उप महाप्रबंधक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं। जांच में पता चला कि मीटर रीडर, केपीओ और असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर की गलती की वजह से उपभोक्ताओं के बिजली बिल में करंट मीटर रीडिंग के कॉलम में सर्विस कनेक्शन नंबर पर पेस्ट हो गया था. जिसके कारण ही सॉफ्टवेयर ने गलत कैलकुलेशन कर इस तरह के बिल जारी कर दिए. बहरहाल दोबारा से नए बिल जनरेट किए जा रहे है. (रिपोर्ट-विनोद शर्मा)

HIGHLIGHTS

  • बिजली कंपनी ने भेजा हजारों करोड़ का बिजली बिल
  • बिजली बिल देख परिवार के उड़े होश
  • बिजली कंपनी ने मानी गलती, एक अधिकारी सस्पेंड
ग्वालियर Electricity company consumer family करोड़ों का बिजली बिल
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