बीजेपी ने भले ही नगरी निकाय चुनाव की टिकट अभी घोषित नहीं किए लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के स्टार प्रचारक अभी से नजर आ रहे हैं। ग्वालियर के मुखर्जी भवन बीजेपी कार्यालय में उन्होंने कमर कस कर चुनाव में उतर जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी कोई भी हो हमारे लिए भारतीय जनता पार्टी का झंडा और देश का तिरंगा सबसे ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह संवाद सुनकर ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने एक-एक कार्यकर्ता और पूर्व पार्षद को यह संदेश दे दिया है कि भले ही टिकट ना मिले लेकिन पार्टी के लिए एकजुटता से काम करना है। मुखर्जी भवन पर हुई इस संवाद बैठक में सांसद विवेक शेजवलकर के अलावा ग्वालियर के नगरी निकाय चुनाव के प्रभारी जीतू जिराती , पूर्व मंत्री माया सिंह और बीजेपी के कई नेता शामिल हुए।
सिंधिया ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जोशीला संवाद किया। उन्होंने बीजेपी के संस्थापक सदस्यों से लेकर वर्तमान के कार्यकर्ताओं की पार्टी को खड़ा करने में बड़ी भूमिका भी समझाई। दरअसल सिंधिया के संवाद में कई बार ये बात कही गई कि बीजेपी को जिताना है और मजबूती से चुनाव लड़ना है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या टिकट न मिलने की वजह से पार्टी के कुछ कार्यकर्ता नाराज हो सकते हैं ? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि गुरुवार को जय विलास पैलेस में सिर्फ सिंधिया समर्थक ही टिकट मांगने पहुंचे थे उनमें बीजेपी का पुराना कार्यकर्ता नजर नहीं आया और शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में बीजेपी के पूर्व पार्षद और मूल कार्यकर्ता दिखा तो सिंधिया समर्थक 2- 4 ही नजर आ रहे थे।
ग्वालियर से मुखर्जी भवन कार्यालय में लगभग डेढ़ घंटे तक ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे और इस बीच उन्होंने कार्यकर्ताओं से बार-बार यही अपील की है कि ये पार्टी आज दुनिया के सबसे बड़ी पार्टी है । जो कार्यकर्ता की बलबूते पर खड़ी हुई है। ऐसा लग रहा है कि सिंधिया का यह कार्यक्रम काफी हद तक नाराजगी और गुटबाजी को दूर करने के लिए कराया गया था। पार्टी को यह लग रहा है किस सिंधिया समर्थकों को टिकट मिलने के बाद बीजेपी का मूल कार्यकर्ता नाराज हो सकता है। सिंधिया के इस संवाद को सुनने के लिए पार्टी ने ज्यादातर अपने पूर्व पार्षदों को बुलाया था। सिंधिया ने कहा कि आज हमारे कार्यकर्ताओं को मान सम्मान और पहचान मिल जाए यही उसके लिए सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने नगरी निकाय चुनाव हैं इसके बाद विधानसभा का सेमीफाइनल और फिर लोकसभा का फाइनल होगा। हमें प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की सोच और संकल्प पर काम करके इस देश के गरीब किसान उन्नति और देश की प्रगति हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
आपको बता दें कि ग्वालियर नगर निगम में 66 वार्ड हैं जिसमें से 50 से ज्यादा वार्डों पर बीजेपी का कब्जा रहा था। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के बाद टिकट के दावेदारों की संख्या 300 से ज्यादा हो गई है। अकेले जयविलास पैलेस में ही सिंधिया को कल तीन सौ आवेदन मिले और शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में पार्षद और महापौर की दावेदारों की लाइन लगी थी।
ग्वालियर शहर के वार्डो में टिकट 66 लोगों को ही मिलना है उसमें भी बड़ी संख्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की बताई जा रही है। ऐसे में बीजेपी का मूल कार्यकर्ता पार्टी से नाराज ना हो जाए इसलिए सिंधिया का यह संवाद पार्टी ने पूरे योजनाबद्ध तरीके से कराया था। सिंधिया समर्थकों सिंधिया के कहने पर मान भी सकती है लेकिन बीजेपी का पुराना कार्यकर्ता रूठ ना जाए इसलिए पार्टी के बड़े नेता अब सभी को एकजुट करने की कोशिश में जुट गए हैं।
Source : News Nation Bureau