ग्वालियर नगर निगम से पार्षद रहे बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस (Congress) में घर वापसी पर राजनीति गर्मा गई है. पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) के कांग्रेस में वापसी पर अब सियासत राष्ट्रीय स्तर पर शुरू होने की संभावना है. दरअसल गोडसे पूजक बाबूलाल चौरसिया का पुन: कांग्रेस में शामिल हो जाना अखिल भारत हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) को कुछ ज्यादा ही खटक गया है. यही वजह है कि अब हिंदू महासभा ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखकर कांग्रेस का नाम बदलने की सलाह दे डाली है. चिट्ठी में राहुल गांधी से कहा गया है कि अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस का नाम बदलकर 'गोडसेवादी कांग्रेस' कर लें. इस मामले में पार्टी के अंदर भी दो खेमे बन गए हैं.
बीजेपी है लगातार हमलावर
ग्वालियर में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में वापसी के ही दिन से मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बीजेपी समेत कांग्रेस के एक खेमे के लगातार निशाने पर है कांग्रेस पार्टी. अब तो हिंदू महासभा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिख डाली है. चिट्ठी में राहुल गांधी से कहा गया है कि अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस का नाम बदलकर 'गोडसेवादी कांग्रेस' कर ले. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को यह चिट्ठी हिंदू महासभा के महामंत्री विनोद जोशी ने लिखी है.
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हिंदू महासभा के पत्र का सार
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस ने अपनी गलती स्वीकार की है और गांधीवादी कांग्रेस में गांधी की हत्या करने वाली गोडसे की विचारधारा को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि ग्वालियर में नाथूराम गोडसे का मंदिर निर्माण करने वाले पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया अकेले ही कांग्रेस में सदस्यता ले पाए. इससे सिद्ध होता है कि गांधीवादी कांग्रेस में अब आम नागरिक आना नहीं चाहता है. इसलिए पार्टी का नाम बदलकर 'गोडसेवादी कांग्रेस' रख लेना चाहिए, जिससे आपका राजनीतिक स्वरूप बच सके और गोडसेवादी संगठन की शक्ति बढ़ाएं.
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बाबूलाल चौरसिया का हुआ हृदय परिवर्तन
वहीं बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस में शामिल कराने वाले ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रवीण पाठक ने इंटरनेट पर वीडियो अपलोड किया है. वीडियो में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल चौरसिया बोल रहे हैं कि जब बाल्मीकिजी एक डकैत होकर संत बन सकते हैं, तो मेरा हृदय परिवर्तन क्यों नहीं हो सकता. मैं तो आम आदमी हूं, मेरा भी हृदय परिवर्तन हो सकता है. अब मैं कांग्रेस में शामिल होकर महात्मा गांधी की लाठी बनने जा रहा हूं. हिंदू महासभा के नेता की एंट्री पर कांग्रेस भी दो खेमों में बंट गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह भी इसके पक्ष में नहीं हैं, लेकिन खुल कर विरोध नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस का एक गुट कमलनाथ के पक्ष में खड़ा है.
HIGHLIGHTS
- ग्वालियार के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया शामिल हुए कांग्रेस में
- एक समय गोडसे की प्रतिमा के कार्यक्रम में हुए थे शामिल
- अब हिंदू महासभा ने पज्ञ लिखकर राहुल गांधी को दी सलाह