कोरोना से तबाही मचाकर रख दी है, इस महामारी के संक्रमण को रोकने के प्रयास जारी हैं. लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बार-बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है. जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं, उन्हें कहीं अर्थदंड देना पड़ रहा है तो मध्य प्रदेश के सागर जिले की एक ग्राम पंचायत ने मास्क न लगाने पर पांच पेड़ लगाने का अभियान चलाया है. हम बात कर रहे हैं सागर जिले की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत चौकी की. यहां कोरोना के संक्रमण को रोकने के प्रयास जारी हैं. यहां जो मास्क नहीं लगाता उसे पंचायत की ओर से मास्क तो दिया ही जा रहा है साथ में पांच फलदार पौधे रोपने के लिए भी सौंपे जाते हैं.
पंचायत के सचिव राकेश यादव ने बताया है कि सरपंच ने तय किया है कि जो भी व्यक्ति कोरोना की गाइड लाइन का पालन नहीं करेंगे उन्हें पाच पौधे लगाने होंगे. जिन लोगों को अब तक सजा के तौर पर पौधे लगाने को कहा गया है, उसकी निगरानी भी की जाएगी आपदा प्रबंधन की समिति के साथ ग्राम पंचायत के सचिव के नाते मैं भी देखूंगा कि पौधे लगे अथवा नहीं. पंचायत ने तय किया है कि जिसे पौधे लगाने की सजा दी जाएगी, उसे एक पौधा अपने घर या खेत पर लगाना होगा साथ ही उसकी एक साल तक देखरेख भी करनी होगी.
कोरोना की तीसरे लहर को रोकने के लिए बच्चों का टीकाकरण आवश्यक: AIIMS
रोना वायरस की संभावित तीसरी लहर (COVID19 Third Wave ) से पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को अहम फैसला लिया है. सरकार जल्द ही भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल शुरू करने वाली है. आशंका है कि कुछ महीनों के बाद देश में महामारी की तीसरी लहर आ सकती है, जिसमें सबसे ज्यादा बच्चों पर असर पड़ेगा. इसको देखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 2 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी दी थी.
इसी बीच AIIMS COVID-19 टास्क फोर्स के चेयरपर्सन डॉ नवनीत विग ( Dr Navneet Wig) ने कहा है कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर के इंतजार नहीं किया जा सकता है कि आने के बाद बच्चों का टीकाकरण (Vaccination Drive for KIds ) किया जाए. कोरोना वायरस के तीसरे लहर आने के पहले ही हमें बच्चों का टीकाकरण शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा 'बच्चों के लिए वैक्सीन की मात्रा और सुरक्षा डेटा उपलब्ध होने के बाद, टीके लगाए जाएंगे। बच्चों की सुरक्षा के मामले में हम पीछे नहीं रह सकते. हमें तीसरी लहर को अंदर नहीं आने देना है. डॉ नवनीत ने आगे कहा कि हमें अपनी परीक्षण सकारात्मकता दर को कम रखना है और अपनी रणनीतियों को हर समय बदलते रहना है. इस वायरस से निपटने के लिए सिर्फ कोई एक फॉर्मूला कारगर नहीं सकता. लोगों में जागरूकता सबसे जयादा जरुरी है.
Source : IANS