पूर्व केंद्रीय मंत्री व मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने एक बार फिर नर्मदा नदी में अवैध खनन शुरू होने का आरोप लगाया है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस लॉकडाउन से राहत मिलते ही सड़कों पर उतरेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव ने शुक्रवार को एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र सीहोर से सटे रायसेन जिले के बाड़ी की गोरा मछुराई स्थित रेत खदान में खुलेआम रेत का अवैध कारोबार चल रहा हैं. प्रतिदिन करीब 500 डंपर बिना रायल्टी चुकाए लॉकडाउन होने के बावजूद भी इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं. इस अवैध कारोबार में मुख्यमंत्री से जुड़े लोग शामिल है.
यादव ने कहा, "प्रदेश में नई रेत उत्खनन नीति के बाद राज्य में खदानों का समूह बनाकर नीलामी की गई थी,जिसमें उक्त खदान भी शामिल है. ठेकेदार व माइनिंग कर्पोरेशन के साथ अनुबंध होने के पहले रायल्टी जारी नहीं की जा सकती है. लिहाजा, बिना अनुबंध किए गोरा मछुराई की नर्मदा नदी से प्रतिदिन 500 डंपर अवैध उत्खनन, परिवहन बिना रायल्टी चुकाए कैसे हो रहा है, सवाल है कि यह किसके संरक्षण में और किसके द्वारा किया जा रहा है,वह भी लॉकडाउन अवधि में?"
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यादव ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के दौरान ही नर्मदा नदी को जीवित नदी माना गया है. हाल ही में इसी मुद्दे को उठाते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी कलेक्टर होशंगाबाद को लिखे एक पत्र में कहा है कि नर्मदा एक जीवित नदी है, इसलिए इस नदी से अवैध उत्खनन,परिवहन करने वालों के विरुद्घ हत्या का प्रकरण दर्ज हो, आखिरकार क्या कारण है कि यहां मंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
यादव ने आगे कहा कि दो माह पूर्व अपनी विपक्ष की भूमिका में यही शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार के खिलाफ अवैध उत्खनन, परिवहन का आरोप लगा रहे थे, अब उनका अपना परिवार ही इस अवैध काम में लगा है. यादव ने चेतावनी दी है कि यदि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस लॉकडाउन से राहत मिलते ही सड़क पर उतरेगी.
Source : News Nation Bureau