जबलपुर : सरकारी आंकड़ों में महीने में 16 मौतें, मगर शमशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जगह पड़ रही कम

कहते हैं जब काल अपना विकराल रूप ले लेता है तो शमशान की रूह भी कांप जाती है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों जबलपुर में सामने आ रहा है, जहां शहर का चौहानी श्मशान घाट मानो काशी का श्मशान घाट बन गया है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Jabalpur

कोरोना 'काल': जबलपुर में श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए जगह पड़ी कम( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

कहते हैं जब काल अपना विकराल रूप ले लेता है तो शमशान की रूह भी कांप जाती है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों जबलपुर में सामने आ रहा है, जहां शहर का चौहानी श्मशान घाट मानो काशी का श्मशान घाट बन गया है. जहां चिताएं जलने का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. यह हाल बीते 1 महीने से बना हुआ है, जहां कोरोना संक्रमित और सस्पेक्टेड मरीजों की चिंताएं एक के बाद एक जल रही है. यहां लाशों के आने का सिलसिला इस कदर है कि उन्हें जलाने के लिए जगह कम पड़ गई है. इतना ही नहीं, टीन शेड के बाहर ही शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. सूर्य की पहली किरण के साथ चिंताओं के जलने का सिलसिला शाम तक जारी रहता है.  

यह भी पढ़ें: भारत में कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, एक दिन में 2 लाख से ज्यादा केस, 1038 मौतें 

लेकिन अगर श्मशान घाट के रजिस्टर पर नजर दौडाएंगे तो आपकी रूह तक कांप सकती है. गिनती गिन कर आप थक जाएं, लेकिन कोविड-19 की मौत और सस्पेक्टेड मरीजों की संख्या पेज दर पेज बढ़ती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 डेडिकेटेड इस श्मशान घाट में 30 दिनों के अंदर 80 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों और सस्पेक्टेड व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. जबकि बताया जा रहा है कि जबलपुर में कोरोना से 14 दिन में करीब 290 लोगों की मौत हो हुई है.

कोविड-19 मरीजों का अंतिम संस्कार करने वाली मोक्ष संस्था लगातार इस काम को सेवा भाव से कर रही है. उसकी खुद की जानकारी में औसतन रोजाना 10 से 12 कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हो रही है. जिसका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनके संस्था के सदस्य करते हैं. बेशक जबलपुर में आसपास के 14 जिलों के मरीज आते हैं, लेकिन जबलपुर में भी रोजाना 5 से 6 मरीज कोरोना के चलते काल के मुंह में समा रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात हुए बेकाबू, कचरे की गाड़ी में लादे जा रहे हैं संक्रमित शव

उधर, सरकारी आंकड़े इससे बिल्कुल अलग हैं. सरकारी आंकड़ों में बीते 1 महीने में जबलपुर में केवल 16 मौतें ही हुई हैं. जबलपुर के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा कहते हैं कि कोरोना मृत मरीजों के ऑडिट के चलते जैसे जैसे तस्वीर साफ होती है, वैसे वैसे हम कोरोना से मृत मरीजों के आंकड़ों में बढ़ोतरी करते हैं. यह हालात उन लापरवाह लोगों के लिए एक बड़ा सबक हैं, जो मास्क को मजबूरी समझ रहे हैं और 2 गज की दूरी को परेशानी. यह हालात उन लोगों के लिए भी सबक है, जो लॉकडाउन का मजाक बना रहे हैं या फिर पार्टी करने में मदमस्त हो. बहरहाल, अभी भी वक्त है संभलने का.

Jabalpur जबलपुर Jabalpur corona Jabalpur covid 19 जबलपुर श्मशान घाट
Advertisment
Advertisment
Advertisment