मध्यप्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए विद्युत पुलिस थानों की स्थापना की कवायद तेज हो गई है. राज्य में अब बिजली चोरी रोकने के लिए भी अलग से पुलिस होगी. राज्य में बिजली चोरी रोकने के अरसे से प्रयास चल रहे हैं, बिजली कंपनियों ने इसके लिए प्लास्टिक या रबर के कवर वाले बिजली तार बिछाए. इसके साथ ही ट्रांसफार्मर या बिजली खंभों पर मीटर भी लगाए. इसके बावजूद भी बिजली चोरी की घटनाएं रुक नहीं रही है.
विद्युत विभाग के सूत्रों का कहना है कि एक तरफ जहां बिजली चोरी होती है तो वहीं दूसरी ओर कार्रवाई करने वाले बिजली विभाग के अमले पर उपद्रवी लोग हमला बोल देते हैं और इन स्थितियों में बिजली विभाग के अमले को पुलिस महकमे का साथ नहीं मिलता, इसके चलते बिजली विभाग अपने सुरक्षा बल की जरूरत महसूस कर कर रहा है जो बिजली विभाग के लिए ही हो.
राज्य में वर्तमान में तीन विद्युत वितरण कंपनियां कार्यरत हैं जिनके मुख्यालय भोपाल, इंदौर और जबलपुर में है. इन तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अपने-अपने क्षेत्र में इन थानों की स्थापना के संबंध में परीक्षण करने तथा इसके लिए कितनी भूमि की जरूरत होगी इसका ब्यौरा तैयार करने को कहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुजरात, पंजाब और राजस्थान में बिजली चोरी को रोकने के लिए बनाए गए विद्युत पुलिस थानों की तर्ज पर ही राज्य में विद्युत पुलिस थानों की स्थापना पर जोर दिया था, इसका मकसद उपभोक्ताओं में बिजली चोरी की प्रवृत्ति को रोकना महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राज्य के गृहमंत्री नरेात्तम मिश्रा का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से यह प्रस्ताव आ रहा है कि बिजली विभाग की अलग से पुलिस हो, जिस तरह से बिजली विभाग के कर्मचारियों पर हमले हो जाते हैं, उनके सामने जो दिक्कतें आती हैं, इसके चलते कई जगह से प्रस्ताव आ रहे है, अभी विचाराधीन है.
Source : IANS/News Nation Bureau