मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर और भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के करीबियों सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर दी गई दबिश में मिली नगदी और दस्तावेजों की तह तक जाने के लिए आयकर विभाग कई लोगों से पूछताछ कर सकता है। छापे की कार्रवाई को आयकर विभाग ने मंगलवार को पूरा कर लिया, मगर उसके हाथ जो सबूत आए हैं, वे आने वाले दिनों में बड़ा सियासी तूफान ला सकते हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, उसे छापे के दौरान कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर लेन-देन का जिक्र है। इन दस्तावेजों में संकेतों में कई महत्वपूर्ण संदेश दर्ज होने के साथ-साथ कई नेताओं के नाम भी है।
ऐसे में आयकर विभाग नगदी व दस्तावेजों को लेकर गैर सरकारी संगठन के संचालक अश्विनी शर्मा व उसके साथी प्रतीक जोशी,और जिन लोगों के नाम लेन-देन में आए हैं, उनसे पूछताछ कर सकता है।
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ज्ञात हो कि, दिल्ली से आए आयकर विभाग के दलों ने रविवार तड़के मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़ के भोपाल व इंदौर के ठिकानों पर दबिश दी थी। इसके साथ ही अश्विनी शर्मा व प्रतीक जोशी के भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा स्थित आवास व कार्यालय पर छापे मारे।
कक्कड़ के इंदौर आवास पर सोमवार की देर रात तक आयकर विभाग की कार्रवाई जारी रही, वहीं शर्मा व जोशी के यहां मंगलवार तक यह सिलसिला चला। आयकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार तड़के भोपाल में प्रवीण कक्कड़, अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी और इंदौर में कक्कड़ के ठिकानों पर दबिश दी गई थी।
इस कार्रवाई मे 14.60 करोड़ रुपये की नगदी के साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, वहीं 281 करोड़ के लेन-देन का भी ब्यौरा मिला है। कक्कड़ ने अपने आवास से आयकर विभाग को कोई भी आपत्तिजनक सामग्री व दस्तावेज न मिलने का दावा किया है।
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आयकर विभाग ने शराब की 252 बोतलें, हथियार और बाघ की खाल, राज्य मे बड़े पैमाने पर संगठित तरीके से कारोबारियों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच 281 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा मिलने की बात कही है। इसके अतिरिक्त दिल्ली में एक बड़े राजनीति दल के मुख्यालय को भी हाल ही में हवाला के जरिए 20 करोड़ रूपये भेजने का भी खुलासा हुआ है।
इस राशि को दिल्ली के तुगलक रोड स्थित संबंधित वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी के आवास भेजा गया था। धन जमा और वितरित करने के संबंध में डायरियों, कंम्प्यूटर फाइलें और एक्सल सीट पाये गये हैं जिसके बाद इन सामानों को भी जब्त कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक के वरिष्ठ पदाधिकारी के एक निकट संबंधी की कंपनी पर दिल्ली में की गयी छापेमारी की कार्रवाई में 230 करोड़ रुपये के अघोषित लेन-देन, फर्जी बिलिंग के जरिए 242 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी और 80 से अधिक टेक्स हैवन कंपनियों का पता चला है।
Source : IANS