केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत का पहला चावल का साइलो गोदाम बक्सर, इटाढ़ी के बैरी और कैमूर, मोहनिया के सोंधियारा में बनेगा. डुमरांव में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि शाहाबाद का क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में जाना जाता है. इसके शुरू होने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह गोदाम 11 एकड़ में बनेगा, जिसकी लागत 33 करोड़ रुपये अनुमानित है. उन्होंने कहा कि इस गोदाम की क्षमता 12,500 मैट्रिक टन की होगी.
गोदाम में रखा अनाज खराब नहीं होगा सालों तक
उन्होंने कहा, इन दोनों स्थानों पर गेहूं का 37,500 मैट्रिक टन क्षमता वाला साइलो गोदाम भी बनेगा. इसे पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से बनाया जाएगा. गोदाम में रखा गया अनाज वर्षों बाद भी खराब नहीं होगा. इसे भारतीय खाद्य निगम द्वारा तैयार किया जाएगा. बक्सर के सांसद चौबे ने कहा कि गेंहू के लिए बिहार के 27 जिलों में साइलो गोदाम के लिए सर्वेक्षण किया गया है. चौबे ने कहा, केंद्र खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा की भी अब गारंटी लेगा. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री ने कुपोषण को खत्म करने के लिए फोर्टीफाइड राइस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सरकारी योजनाओं के तहत जो चावल का वितरण होता है, उसमें पोषणयुक्त चावल भी होगा.
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चावल में होते हैं तमाम पोषक तत्व
पोषणयुक्त चावल में आयरन, जिंक, फोलिक एसिड एवं अन्य विटामिन होते हैं. चौबे ने कहा कि बक्सर, कैमूर एवं रोहतास में सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरण एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से इको सर्किट का निर्माण कराने की योजना बनाई जा रही है. गोकुल जलाशय झील बक्सर जिले में एक महत्वपूर्ण जगह है. इसे पर्यावरण व पर्यटन के रूप में विकसित करने की संभावना है. इस मौके पर भारतीय खाद्य निगम के जनरल मैनेजर संजीव कुमार बदानी भी उपस्थित थे.
HIGHLIGHTS
- शाहाबाद का क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में विख्यात
- इस गोदाम की क्षमता 12,500 मैट्रिक टन की होगी
- चावल में आयरन, जिंक, फोलिक एसिड एवं अन्य विटामिन