नाम है रोशनी और उसने नाम को चरितार्थ करते हुए गांव और परिवार का नाम रोशन किया है. रोशनी ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 98़. 5 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं और मेरिट में आठवां स्थान पाया है. वह अपने गांव से स्कूल जाने के लिए नियमित रूप से 24 किलोमीटर साइकिल चलाती थी. भिंड जिले के मेहगांव थानाक्षेत्र के अजनोल गांव की है रोशनी. उसके पिता पुरुषोत्तम भदौरिया किसान हैं. रोशनी को पढ़ने की ललक ऐसी है कि उसे गर्मी, बारिश और ठंड भी नियमित रूप से स्कूल जाने से कभी रोक न सकी. रोशनी ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 98़ 5 प्रतिशत अंक हासिल कर मेरिट में जगह बना ली है.
और पढ़ें: कोरोना संक्रमण के दौर में इवांका ट्रंप को आया ज्योति कुमारी पर 'प्यार'! ट्वीट कर बताया प्रेरणा
रोशनी की सफलता से उसका परिवार और गांव खुश है. रोशनी समाज में बदलाव लाने के लिए आईएएस अफसर बनना चाहती है, इसीलिए उसका पढ़ाई पर खास ध्यान है. रोशनी की मां 12वीं तक पढ़ी हैं. दो भाइयों के बीच रोशनी इकलौती बहन है.
मेहगांव क्षेत्र के पूर्व विधायक और शिवराज सिंह चौहान सरकार में राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने रोशनी की उपलब्धि को 'नई रोशनी' का प्रतीक करार दिया है. उनका कहना है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा में कामयाब मेहगांव क्षेत्र की रोशनी और अभिनव शर्मा को वे 11-11 हजार रुपये का पुरस्कार देंगे. दोनों ने अपनी सफलता से क्षेत्र का नाम रोशन किया है, वहीं रोशनी ने बेटियों में आशा की रोशनी जगाई है.
रोशनी नियमित रूप से साइकिल से 12 किलोमीटर दूर स्कूल जाती और इतनी ही तय कर घर लौटती थी. उसे बारिश के दिनों में और ठंड के मौसम में कई तरह की दिक्कतें हुईं, मगर उसने हमेशा अपना हौसला बुलंद रखा. पढ़ाई में पूरी लगन रखने वाली रोशनी ने गणित और विज्ञान विषय में शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.