अपने बयानों से विवादों में बने रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों अलग ही भूमिका में नजर आ रहे हैं. दिग्विजय सिंह प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में भोपाल नगर निगम चुनाव का समन्वय का काम संभाल रहे हैं. भोपाल में पार्षदों के टिकट का वितरण भी दिग्विजय सिंह के घर पर हुआ. दिग्विजय सिंह पार्षद प्रत्याशियों के कार्यालयों का उद्घाटन कर रहे हैं. पार्षद का टिकट न मिल पाने से जो लोग नाराज हैं, सिंह उनके घर जाकर उन्हें मना रहे हैं. यही नहीं, दिग्विजय सिंह ने शनिवार को पीसीसी में भोपाल के कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उन्हें चुनाव में ताकत लगाने को कहा.
निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे तक दिग्विजय सिंह का दखल
भोपाल में कांग्रेस के महापौर पद की प्रत्याशी विभा पटेल को टिकट दिलवाने में भी सिंह की ही भूमिका रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर दिग्विजय सिंह का महत्व वापस बढ़ गया है. राजनीतिक मामलों की समिति में दिग्विजय सिंह को रखा गया है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कमेटी में उन्हें शामिल किया गया है. उदयपुर चिंतन शिविर में भी उन्हें काफी महत्व दिया गया. इसके बावजूद भोपाल की स्थानीय राजनीति में दिग्विजय सिंह का भरपूर समय देना आने वाले समय की रणनीति के हिसाब से देखा जा रहा है.
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दिग्विजय सिंह के निशाने पर अगला लोकसभा चुनाव
दिग्विजय सिंह के भोपाल नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी के रूप में काम करने के पीछे 2024 के लोकसभा चुनाव का गणित देखा जा रहा है. साल 2019 में दिग्विजय सिंह ने भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ा था. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को चुनाव 3.62 लाख वोटों से हराया था. सिंह के करीबियों का कहना है कि इतनी बुरी तरह चुनाव हारने का अपमान सिंह भूल नहीं पा रहे हैं. ऐसे में दिग्विजय सिंह भोपाल से एक बार और चुनाव लड़ सकते हैं. इसी कारण भोपाल में अपनी जमावट को मजबूत कर रहे हैं. वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि दिग्विजय सिंह के लिए कभी भी भोपाल से चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.
HIGHLIGHTS
- भोपाल में फिर से सक्रिय हुए दिग्विजय सिंह
- अगला लोकसभा चुनाव है निशाने पर?
- साल 2019 में साध्वी प्रज्ञा ने दी थी करारी मात