सिंधिया और तोमर में बढ़ रही दूरी... मुरैना शराब कांड ने चौड़ी की खाई

संकेत तो यह भी मिलने लगे हैं कि सिंधिया की केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से दूरी खाई में बदलने लगी है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Scindia Tomar

राजनीति वर्चस्व की लड़ाई में उलझे सिंधिया-तोमर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी कराने में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बड़ी भूमिका रही है, मगर ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया की बढ़ती सक्रियता से सियासी घमासान के आसार बनने लगे हैं. इतना ही नहीं संकेत तो यह भी मिलने लगे हैं कि सिंधिया की केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से दूरी खाई में बदलने लगी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया का अभी हाल में ही हुआ ग्वालियर-चंबल इलाके का दौरा नई सियासी कहानी की शुरूआत तो कर ही गया है. मुरैना केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है और यहां के दो गांव में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मौत हुई है. सिंधिया ने इन गांव में पहुंचकर पीड़ितों का न केवल दर्द बांटा, बल्कि प्रभावितों के परिवारों को अपनी तरफ से 50-50 हजार की आर्थिक सहायता भी दी.

सिंधिया ने प्रभावितों के बीच पहुंचकर भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई राज्य सरकार करेगी. साथ ही कहा कि वे लोगों के सुख में भले खड़े न हो मगर संकट के समय उनके साथ हैं. सिंधिया के मुरैना और ग्वालियर प्रवास के दौरान भाजपा का कोई बड़ा नेता तो उनके साथ नजर नहीं आया, मगर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए तमाम बड़े नेता जिनमें राज्य सरकार के मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, सुरेश राठखेड़ा, ओ पी एस भदौरिया आदि मौजूद रहे. संगठन से जुड़े लोग और मंत्री भारत सिंह कुशवाहा जो तोमर के करीबी माने जाते हैं उन्होंने सिंधिया के दौरे से दूरी बनाए रखी.

सिंधिया के दौरे के अगले दिन ही केंद्रीय मंत्री तोमर शराब कांड प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचे और उनकी पीड़ा को सुना. तोमर के इस प्रवास के दौरान सिंधिया का समर्थक कोई भी मंत्री नजर नहीं आया. तोमर ने कहा कि घटना वाले दिन मैंने मुख्यमंत्री से चर्चा की और मैं लगातार दूरभाष पर संपर्क में रहा. जो भी दोषी है, उन पर कठोर कार्रवाई की जरूरत है. इस दुख की घड़ी में हम सबको दुख बांटने की जरूरत है. इस घटना से लोग सबक लेंगे और इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो.

भाजपा सूत्रों की मानें तो सिंधिया और तोमर के बीच दूरियां बढ़ने की शुरूआत तो उपचुनाव के दौरान ही हो चली थी और नतीजे आने के बाद यह दूरी साफ नजर आने लगी. मुरैना शराब कांड ने तो साफ कर दिया है कि दोनों नेताओं के रिश्ते वैसे नहीं रहे जैसे पहले हुआ करते थे. एक तरफ जहां सिंधिया और तोमर के बीच दूरी बढ़ रही है तो दूसरी ओर भोपाल में प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारियों के आयोजित पदभार ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सिंधिया की खुलकर सराहना की. साथ ही राज्य में भाजपा की सरकार बनने का श्रेय भी सिंधिया को दिया.

राजनीतिक विश्लेशक देव श्रीमाली का मानना है कि सिंधिया की अपनी कार्यशैली है तो वहीं भाजपा में एक व्यवस्था के तहत काम चलता है. उनका एक अपना संगठन का ढांचा है और उसके लिए नियम प्रक्रिया निर्धारित है. सिंधिया के लिए भाजपा मैं पूरी तरह घुल मिल पाना आसान नहीं लगता. यही कारण है कि उनके प्रवास के दौरान भाजपा के पुराने नेता और कार्यकर्ता नजर नहीं आते, सिर्फ वही लोग नजर आते हैं जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं.

Source : News Nation Bureau

madhya-pradesh shivraj-singh-chauhan मध्य प्रदेश ज्योतिरादित्य सिंधिया Politics Narendra Singh Tomar शिवराज सिंह चौहान राजनीति नरेंद्र सिंह तोमर Jyotiradity PA Morena Hooch Tragedy Ego Fight मुरैना शराब कांड
Advertisment
Advertisment
Advertisment