केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) के बीजेपी (BJP) में आने के बाद एक के बाद एक कई राजनैतिक भूचाल देखने को मिल रहा है. ताजा मामला है सिधिया का रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर मत्था टेकने और फूल चढ़ाने का. इसे लेकर कांग्रेस सिंधिया को आड़े हाथों ले रही है तो बीजेपी इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान बता रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या सिंधिया पर अब आरोप लगना बंद हो जाएंगे?
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर माथा टेका और फूल चढ़ाया. निश्चित ही ये कार्य एक नए इतिहास को लिख रहा है जो दो सौ साल पुराने इतिहास की यादें ताजा कर रही हैं. कहा जाता है आज तक सिंधिया घराने से किसी ने वहां जाकर श्रद्दा सुमन नहीं चढ़ाएं हैं. ऐसे में सिधिया के रानी की समाधि पर जाने पर बीजेपी इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानिया से सम्मान के तौर पर देख रही है.
कांग्रेस की मानें तो सिंधिया का रानी की समाधि पर जाना केवल और केवल पॉलिटिकल स्टंट है. ऐसे करने से इतिहास नहीं बदलेगा. वहीं, राजनैतिक जानकार इसे और ही नजर से देखते हैं. उनका मानना है कि सिंधिया घराने पर लगने वाले आरोपों पर लगाम लग सकती है. बहरहाल इस मामले पर अब नई राजनैतिक बहस छिड़ती दिखाई दे रही है.
सिंधिया समाधि पर गए, लेकिन सिंधिया के जाने से दौ सौ साल पुराना इतिहास तो नहीं बदल सकता, लेकिन इतना जरूर है कि सिंधिया का रानी की समाधि पर जाना आने वाले समय में नई राजनैतिक इबारत जरूर लिख सकता है.
Source : Deepti Chaurasia