कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (47) ने अपने ट्विटर हैंडल के स्टेटस से पूर्व सांसद गुना एवं पूर्व मंत्री हटाकर ‘जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी’ कर दिया है. उनके इस कदम से मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. लोग अनुमान लगा रहे हैं कि पार्टी में कुछ महीनों से हो रही उनकी उपेक्षा के चलते वह कांग्रेस से बाहर अपना राजनीतिक करियर शुरू कर सकते हैं. हालांकि, कांग्रेस ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के कहने पर उन्होंने ट्विटर हैंडल पर अपना स्टेटस संक्षिप्त किया है और वह भी एक महीने पहले. इसे गलत परिप्रेक्ष्य में नहीं लिया जाना चाहिए.
उसके पहले के स्टेटस में उन्होंने पूर्व सांसद गुना एवं पूर्व मंत्री लिखा था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद यह सुझाव आया कि इसका संक्षिप्तीकरण कर दिया जाये और सिंधियाजी ने इसे संक्षिप्त कर अब लिखा है ‘जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी’. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई राजनीतिक विवाद का विषय या कोई राजनीतिक पहलु है. इस बात को निरर्थक तूल दिया जा रहा है. नई बात नहीं है, पुरानी चीज है.’ जब उनसे सवाल किया गया कि कहीं कांग्रेस को लेकर सिंधिया में नाराजगी तो नहीं है, तो इस पर चतुर्वेदी ने कहा, ‘नाराजगी उस व्यक्ति की होती है जिसकी कोई मांग पूरी न हो. सिंधियाजी हमेशा कहते हैं कि वह कांग्रेस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस की विचारधारा के लिए काम करते हैं. उन्होंने आज तक कांग्रेस पार्टी में स्वयं के लिए किसी पद की मांग नहीं की है. जो जिम्मा कांग्रेस ने सिंधियाजी को दी, उसका उन्होंने निर्वहन किया. जब मांग ही नहीं हो, तो नाराजगी किस बात की.’
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उन्होंने कहा, ‘वह (सिंधिया) कांग्रेस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं, राजनेता हैं और उसी भाव और भावना के साथ काम कर रहे हैं.’ वहीं, मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने बताया, ‘सिंधिया कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत मध्य प्रदेश सरकार के काम करने के तरीके के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी मनोव्यथा व्यक्त करते रहे हैं. कांग्रेस में उनका दम घुट रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश कांग्रेस में सिंधिया एवं उनके समर्थकों की उपेक्षा हो रही है. वह मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये. उन्हें कमलनाथ के स्थान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी नहीं बनाया जा रहा है. लगता है अपने मनोभाव एवं दुख को व्यक्त करते रहे हैं.’
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विजयवर्गीय ने बताया, ‘सिंधिया राजघराने के वंशजों में से केवल ज्योतिरादित्य ही अकेले सदस्य हैं, जो कांग्रेस में हैं. उनकी दो बुआएं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री यशोधरा राजे भाजपा में हैं और उन्हें हमारी पार्टी में अत्यधिक सम्मान मिलता है. इसके अलावा, ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया भी भारतीय जनसंघ की संस्थापक सदस्य थी और पिताजी माधवराव सिंधिया भी कांग्रेस में शामिल होने से पहले भारतीय जनसंघ में रहे थे.’
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वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक अन्य करीबी नेता ने बताया, ‘हमारे नेता (सिंधिया) के पास मंत्रियों सहित दो दर्जन से अधिक विधायक हैं.’ सिंधिया गुट के एक अन्य नेता ने बताया, ‘‘हमारे नेता सिंधिया ने 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन मुख्यमंत्री बनने का मौका उनके हाथ से निकल गया और कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गये.’