मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने रविवार को दावा किया है कि प्रदेश की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद राज्य में फिर से पार्टी की सरकार बनेगी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार गिर जाएगी. वीडियो प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या आने वाले महीनों में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद कांग्रेस सरकार मध्य प्रदेश में वापसी करेगी, कमलनाथ ने कहा, ''मुझे पूरी उम्मीद है. आज मतदाताओं में बहुत जागरूकता है एवं समझ है. आज मतदाता चुप रहते हैं और सब समझते हैं. और यह बात महाराष्ट्र, हरियाणा एवं झारखंड में हुए चुनावों में साबित हो गई कि वे गुमराह नहीं होने वाले हैं.''
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कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल होने पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज मतदाता इन 22 सीटों में समझ रहा है कि किस प्रकार का धोखा उनके साथ हुआ. किस प्रकार कांग्रेस के 22 विधायक लालच से भाजपा में गए. उन्होंने इन उपचुनावों के बाद मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का गिरने का दावा करते हुए कहा, जीतना तो छोड़िये, इनको उपचुनाव में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. और मुझे विश्वास है कि जो ये 22 उपचुनाव हैं, आज इनका क्या हाल होगा, सोशल मीडिया देखिये. आप गांवों में जाकर पता कीजिए कि इनके बारे में क्या कहा जा रहा है. परिणाम क्या होगा यह स्पष्ट है.
कमलनाथ ने कहा कि कोविड-19 बीच में आ गया. नहीं तो दो-तीन महीने में ये उपचुनाव हो जाते. उन्होंने दावा किया कि जब इन 24 सीटों पर उपचुनाव होंगे तो हम 20-22 सीटें जीतेंगे तो क्या यह मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार टिक पाएगी. उपचुनाव के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वापसी की ओर विश्वास व्यक्त करते हुए कमलनाथ ने कहा, उपचुनाव में स्पष्ट हो जाएगा कि जनता किसे चाहती है.
जब उनसे सवाल किया गया कि कौन सी दो-चार सीटें आप भाजपा को दे रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा, मैं भाजपा को कोई सीट नहीं दे रहा हूं. मैं तो आकलन कर रहा हूं. 24 सीटों में इनकी भाजपा हालत खस्ता है. कांग्रेस छोड़ भाजपा में गये अपने विधायकों की ओर इशारा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि 22 विधायकों को किस तरह प्रलोभन दिया. यह आज जनता के सामने है। मुझे इस बात का दुख भी है. भरोसा नहीं था कि हमारे विधायक लालच और सौदेबाजी का शिकार हो जाएंगे. मुझे राजनीति का अनुभव था, लेकिन सौदेबाजी की राजनीति का अनुभव नहीं था.
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात का दुख नहीं है कि मैं आज मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहा. मुझे इस बात का दुख है कि जो मैंने योजनाएं शुरू की थी, वे आगे नहीं बढ़ पाई. मैं मध्य प्रदेश को एक नई दिशा देना चाहता था.’’ मालूम हो कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने तब 20 मार्च को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
इसके बाद 23 मार्च को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है. प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उसकी संख्या घटकर 92 पर आ गई है. इनके अलावा, चार निर्दलीय हैं, जबकि दो बसपा एवं एक सपा के पास है. वर्तमान में विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें भाजपा एवं कांग्रेस विधायक के निधन के बाद खाली हुई हैं. इस समय की प्रभावी संख्या 206 है तथा वर्तमान में सदन में बहुमत का आंकड़ा 104 है.