‘वंदे मातरम्’ मामले में बैकफुट पर मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार, ये लिया निर्णय

स्वतंत्रता संग्राम के गीत वंदे मातरम पर मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम के बीच आज कमलनाथ सरकार ने बीच का रास्‍ता निकाल लिया है.

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Drigraj Madheshia
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‘वंदे मातरम्’ मामले में बैकफुट पर मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार, ये लिया निर्णय

वंदे मातरम् पर कमलनाथ सरकार ने बीच का रास्‍ता निकाल लिया है

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स्वतंत्रता संग्राम के गीत वंदे मातरम् पर मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम के बीच आज कमलनाथ सरकार ने बीच का रास्‍ता निकाल लिया है. मध्‍य प्रदेश के जनसंपर्क एमपी के आधिकारिक Twitter हैंडल पर कहां गया है कि पुलिस बैंड के वल्लभ भवन परिसर में पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ गाया जायेगा. इस कार्यक्रम को आकर्षक बनाकर आम लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.

दरअसल मध्य प्रदेश के मंत्रालय में सोमवार को वंदे मातरम् नहीं हुआ.कमलनाथ की नई सरकार बनते ही 13 साल पुरानी वंदे मातरम् की परंपरा टूट गई. इससे पहले हर महीने की पहली तारीख को वंदे मातरम् होता रहा है. इस परंपरा की शुरूआत पूर्व CM बाबूलाल गौर ने साल 2005 में की थी. जिसमें मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते थे. लेकिन नए साल के पहले दिन ही इस परंपरा को तोड़ दिया गया.

मामले पर सियासत तेज होने के बाद खुद सीएम कमलनाथ को इस मुद्दे पर सफाई देने पड़ी है. कमलनाथ ने कहा है कि हर महीने की 1 तारीख को सचिवालय में वंदे मातरम गाने की अनिवार्यता को फिलहाल अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला लिया गया है.यह फैसला ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और न ही हमारा वंदेमातरम को लेकर कोई विरोध है. वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. जो लोग वंदेमातरम नहीं गाते हैं तो क्या वे देशभक्त नहीं है?

यह भी पढ़ेंः वंदे मातरम विवाद पर गरमाई सियासत, अमित शाह ने कहा- कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही

हालांकि विपक्ष भी बैठे बिठाए मिले इस मुद्दे को भला हाथ से कहां जाने देने वाला था..लिहाजा शिवराज सिंह चौहान ने इसे सरकार की तानाशाही करार देते हुए 7 जनवरी को वल्लभ भवन में वंदे मातरम गाने का ऐलान कर दिया वहीं मामले पर विवाद बढ़ता देख अब कांग्रेस वंदे मातरम् को नए कलेवर में शुरु करने की बात कह रही है
वंदे मातरम पर की आड़ में जहां सियासी दल एक दूसरे को देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने में जुट गए हैं..वहीं शिक्षा..स्वास्थ्य और रोजगार जैसे आम लोगों के मुद्दे पृष्ठभूमि में जाते दिख रहे हैं..फिर भी ये पूरा विवाद कई सवाल खड़े करता है मसलन..

  • वंदे मातरम पर बवाल क्यों ?
  • वंदे मातरम से किसे है ऐतराज ?
  • BJP इसका सियासी फायदा लेना चाहती है ?
  • वंदे मातरम पर सियासत जनता के साथ छलावा ?
  • नित नए विवाद में गुम हो रहे जनसरोकार के मुद्दे ?

Source : News Nation Bureau

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