भोपाल में अब एक ही पार्लर पर दूध और कड़कनाथ मुर्गे का मांस नहीं मिलेगा. कमलनाथ सरकार अब अलग-अलग पार्लर की व्यवस्था करेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत कमलनाथ सरकार ने दूध और कड़कनाथ मुर्गे का मांस एक साथ बेंचने का फैसला किया था. लेकिन बीजेपी के ऐतराज के बाद कमलनाथ सरकार ने इस पर ध्यान दिया है. अब कमलनाथ सरकार ने दोनों पार्लरों को अलग-अलग करने का फैसला किया है.
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कुक्कुट विकास निगम ने राजधानी भोपाल में एक पार्लर खोला है. जिसमें झाबुआ के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे का चिकन और दूध एक साथ बेचा जा रहा था. जिसे लेकर भोपाल से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखी थी.
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पशुपालन मंत्री लाखन सिंह ने बताया कि सीएम कमलनाथ ने फौरन बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा की शिकायत पर ध्यान दिया है. दूध और अलग-अलग पार्लर करने का निर्देश दिया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में अब किसी भी बूथ पर एक साथ दूध और चिकन नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाएं आहत न हों इसके लिए यह फैसला लिया जा रहा है.
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मध्य प्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम ने कड़कनाथ की बढ़ती मांग को देखते हुए भोपाल के वैशाली नगर में दूध के पार्लर पर कड़कनाथ मुर्गे का मांस बेचने का पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया था. सरकार की योजना थी कि धीरे-धीरे पूरे राज्य में ऐसे पार्लर खोले जाएं. कड़कनाथ मुर्गे का मांस 900 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से बिकता है.
क्या है कड़कनाथ मुर्गा
कड़कनाथ मुर्गा मध्य प्रदेश के झाबुआ में पाया जाता है. इसके पंख के साथ इसका खून और मांस काले रंग का होता है. इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. कॉलेस्ट्रॉल बाकी मुर्गों की तुलना में कम होता है. अपनी खासियतों के कारण कड़कनाथ मुर्गा काफी महंगा बिकता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो