मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की कमलनाथ सरकार ने शराब बिक्री को लेकर बड़ा फैसला लिया है. विपक्ष के तीखे हमलों के बाद राज्य में शराब की उप दुकान खोलने के निर्णय से यू-टर्न ले लिया है. अब राज्य सरकार शराब की उप दुकान नहीं खोलेगी. हालांकि इसकी जगह कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार शराब की बिक्री ऑनलाइन करने जा रही है. इस संबंध में सरकार की ओर से प्रेस नोट भी जारी कर दिया गया है. विदेशी शराब को ऑनलाइन बारकोड के साथ बेचने का प्लान है. यानी मध्य प्रदेश में आपको घर बैठे शराब मिल जाएगी.
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सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, वर्ष 2020-21 हेतु प्रस्ताववत आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने एवं सुरक्षित करने हेतु प्रदेश के 52 जिलों में स्थित 2544 देशी मदिरा दुकानों एवं 1061 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्षे के वार्षिक मूल्य में 25 प्रनतशत की वृद्धि कर ई-टेडर सह-नीलामी/ नवीनीकरण से किया जाएगा.
सरकार ने प्रेस नोट में बताया कि प्रदेश के 4 बड़े महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिले में दुकानों के दो-दो समूह बनाए जाएंगे, जिसमें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र तथा देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें होगी. इन मदिरा दुकानों के निष्पादन ई-टेंडर सह नीलामी से होगा एवं आरक्षित मूल्य पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत बढ़ाकर रखा जाएगा. बाकी 12 नगर निगमों वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनेगा. जहां मदिरा दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह नीलामी से होगा और आरक्षित मूल्य पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत बढ़ाकर रखा जाएगा.
इसके अलावा अन्य बाकी 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में वर्ष 2020-21 के लिए 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाएगा. उनका निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था अनुसार अर्थात नवीनीकरण, लॉटरी एवं ईटेण्डर (क्लोज बिड एवं ऑक्शन) के माध्यम से किया जाएगा.
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इसके अलावा सरकार ने फैसला लिया है कि अब वर्ष 2020-21 में उप दुकान नहीं खोली जाएंगी. प्रेस नोट के अनुसार, मध्य प्रदेश के अंगूर उत्पादक कृषकों की आय वृद्धि एवं अंगूर की खेती को बढावा देने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश में अंगूर से बनाई जा रही वाईन के प्रसार हेतु पर्यटन स्थलों पर 15 नए आउट-लेट खोले जाएंगे. इन आउट-लेट की फीस 10 हजार रुपये सालाना होगी.
विदेशी मदिरा के प्रदाय को ऑन-लाईन किया जाएगा. मदिरा के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण करने के उद्देश्य से प्रत्येक बोतल में बार-कोड लगाए जाने के अतिरिक्त प्रत्येक बोतल की निगरानी की व्यवस्था का प्रयास किया जाएगा. इस वर्ष की नीति में प्रकियात्मक सरलताएं भी सम्मिलित हैं.
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