मध्य प्रदेश में जनता की सलाह और भागीदारी से पानी बचाने के लिए पानी बचाओ आंदोलन चलाया जाएगा. इसके लिए राज्य स्तर पर एक जल प्रकोष्ठ गठित किया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को जनता के नाम जारी संदेश में पानी को सहेजने और नए जल स्रोतों को विकसित करने के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि पानी बचाने के काम में युवा शक्ति समितियां गठित कर युवाओं को पानी बचाने का दायित्व सौपेंगे और एक बड़ा आंदोलन चलाएंगे. उन्होंने युवाओं से जल दूत बनने का आग्रह किया है.
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कमलनाथ ने कहा, 'जल प्रकोष्ठ पानी को सहेजने और उसके किफायती उपयोग की रणनीति तय करेगा. प्रदेश में आने वाले समय में पानी को बचाने और जल राशि बढ़ाने के लिए अब जो भी काम होंगे, वह प्रदेश के नागरिकों की सलाह और साझेदारी के साथ होंगे.' मुख्यमंत्री ने कहा है, 'पानी सबके लिए अनिवार्य जरूरत है. इसके बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते. इसलिए यह जरूरी है कि पानी के संरक्षण के काम में युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.'
उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे जलदूत के रूप में काम करें. उन्होंने कहा, 'युवाओं की सोच, नजरिए और जोश से पानी की हर बूंद बचाकर हम उसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं. युवा जहां भी हैं, जो भी काम कर रहे हैं, अपने-अपने क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गो में पानी के संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करें. पानी को रोकने के लिए अधिक से अधिक काम करने में योगदान दें.'
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मुख्यमंत्री ने कहा, इस बार बरसात में बारिश का पानी गांव में ही रोकने के लिए जरूरी सभी काम हम सब लोगों को करना होगा. बड़ी-बड़ी योजनाओं के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर तालाबों, चैकडेम, खेत-तालाबों परकोलेशन तालाब, मेढ़-बंधान, कुंआ रिचार्ज जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण काम हमें मिलकर करने होंगे. बड़े पैमाने पर पौधा-रोपण करें और उन्हें सिंचित करने के साथ सुरक्षित भी रखें.' मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बड़े किसानों से आग्रह किया है कि वे स्वयं के खेतों में अपने पैसे से पानी रोकने के लिए खेत, तालाब और भू-जल रिचार्ज का काम करें.
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