मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर सौजन्य मुलाकात की. इस दौरान केंद्र सरकार के कृषि कानून और किसान आंदोलन पर चर्चा हुई. कमल नाथ के मीडिया समन्वय नरेंद्र सलूजा द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री चौहान से सौजन्य मुलाकात के दौरान कमल नाथ ने किसान आंदोलन, तीन काले कृषि कानूनों, प्रदेश के विकास व जनहित के कई मुद्दों पर चर्चा की. इसके अलावा लीज नवीनीकरण के 2 तरह के नियमों के चलते लोगों को आ रही परेशानी के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया. दोनों के बीच लगभग 20 मिनट तक बातचीत हुई.
कमल नाथ ने कहा कि यह तीन कृषि कानून किसानो को बर्बाद कर देंगे, इसका राजनीति से परे हटकर हर किसान हितैषी व्यक्ति को विरोध करना चाहिये. हमारा देश कृषि प्रधान देश है. इन कानूनों से खेती, किसानी दोनो को भारी नुकसान होगा. आज हमारे किसान भाई दो माह से अधिक समय से इन कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. आज आवश्यकता है कि उनके संघर्ष में सभी उनका साथ दे. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ इन मुददों के साथ प्रदेश के विकास व जनहित से जुड़े कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा की व आवश्यक सुझाव भी दिये.
इससे पहले गुरुवार को राज्य के मीडिया कर्मियों के साथ कमलनाथ ने डिनर डिस्कशन किया था. इस डिनर पार्टी में राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, 'यह राहुल गांधी को तय करना है कि उन्हें कब अध्यक्ष बनना है.' कमलनाथ ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के लिए फायर फाइटिंग का काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. साथ ही यह भी दोहराया कि वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे. कमलनाथ ने कहा कि वह प्रदेश में ही सक्रिय राजनीति करेंगे.
हालांकि सीएम हाउस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ सीएम से सौजन्य भेंट करने आए थे. बजट सत्र से पहले कमलनाथ और शिवराज की मुलाकात को अहम माना जा रहा है. बजट सत्र के पहले दिन मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. सदन में संख्या बल के हिसाब से स्पीकर भाजपा का ही होगा. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उपाध्यक्ष का पद भी भाजपा अपने पास ही रख सकती है. अब देखना होगा कि क्या कमलनाथ की शिवराज से मुलाकात कांग्रेस को सदन में उपाध्यक्ष पद दिला सकती है?
Source : IANS/News Nation Bureau