मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम का नया हथियार फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत बन गई है. किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान के बाद कंगना के खिलाफ बैतूल में कांग्रेस ने लगातार दो दिन तक प्रदर्शन किया, क्योंकि यहां उनकी 'धाकड़' फिल्म की शूटिंग चल रही है. वहीं राज्य सरकार कंगना के समर्थन में खड़ी नजर आ रही है. फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयानों के कारण बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं और उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया कि कांग्रेस उनके खिलाफ आक्रामक हो गई है. कंगना की फिल्म धाकड़ की बैतूल के सारणी में शूटिंग चल रही है और कांग्रेस ने कंगना से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की थी, साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. बीते दो दिनों में कांग्रेस ने सारणी में प्रदर्शन किया तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.
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बैतूल के विधायक निलय डागा का कहना है कि कंगना ने देश के अन्नदाता का अपमान किया है. वे सिर्फ इसलिए ऐसा कर रही हैं क्योंकि उन्हें भाजपा और केंद्र सरकार का संरक्षण हासिल है. कांग्रेस हमेशा से अन्याय के खिलाफ लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि किसानों का खालिस्तानी बोलकर अपमान करने वाली कंगना रनौत का सारणी, बैतूल में विरोध कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज बताता है कि अब देश एवं प्रदेश में किसानों के हक की बात भी नहीं कर सकते.
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को लाठियां, सड़कों पर दीवारें, नुकीले काटों का जंजाल और कंगना रनौत आधुनिक भारत माता? क्या यह जय जवान एवं जय किसान का ही देश है?
एक तरफ जहां कांग्रेस कंगना के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराने के साथ आगामी समय में प्रदेशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी मंे है तो वहीं प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरेात्तम मिश्रा का कहना है कि हम मध्य प्रदेश की शांति किसी को भंग नहीं करने देंगे, चाहे वह कोई भी हो. कंगना रनौत बहन एकदम निश्चिंत रहें.
राज्य में कंगना को लेकर गर्माई सियासत पर राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटैरिया का कहना है कि कंगना, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही अपने हित दिख रहे हैं. कंगना बयानों के जरिए विवादों की रानी बनना चाहती है, वे जानती हैं कि ऐसा करने पर एक वर्ग उनके साथ और अन्य विरोध में होगा, वही हो रहा है. किसानों पर कंगना ने बयान दिया तो कांग्रेस विरोध में आ गई और भाजपा कंगना का समर्थन कर रही है. कुल मिलाकर तीनों ही अपने-अपने फायदे देख रहे हैं, वास्तव में उन्हें मूल मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है.