मित्रता और सहयोग के बारे में तो बहुत सुना होगा अपने लेकिन इसे चरित्रार्थ होते आज कटनी जिले की उपनगरी कैमोर के ग्राम अमेहटा में देखा गया. जहां आर्थिक स्थिति से कमजोर आंगनबाड़ी सहायिका प्रेमा बाई के अचानक मौत की खबर सुन क्षेत्र की सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर न सिर्फ अंतिम यात्रा के लिए पैसे जुटाए बल्कि उसकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर उसे कंधा भी दिया.
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कटनी जिले का उपनगर कैमोर वैसे तो उद्योगनगरी के नाम के लिए प्रचलित है लेकिन हम आपको यहाँ की एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे है जिसे देखने व सुनने के बाद आपको मित्रता व सहयोग की परिभाषा खुद ब खुद मालूम हो जाएगी. कैमोर से जुड़े अमेहटा में आज एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमा बाई कोल की अचानक देर रात मौत हो गई.
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जो अमेहटा के ही आंगनबाड़ी क्रमांक 3 पर सहायक कार्यकर्ता के पद में पदस्थ थीं. आपको बता दें कि मृतक प्रेमा बाई कोल के घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. उसके पति बाबू लाल कोल कई वर्षों से बीमार हैं और बेटा, बेटी की पढ़ाई से लेकर पति के इलाज तक की जिम्मेदारी प्रेमा बाई की थी. प्रेमा बाई की मौत देर रात अचानक हो गई.
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जिसकी जानकारी जैसे ही कैमोर की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हुई तो सभी महिला कार्यकर्ता उसकी अंतिम विदाई में शामिल होने पहुंच गईं. मृतक प्रेमा बाई की घर की स्थिति किसी से छुपी नहीं थी तो कार्यकर्ताओं ने उनकी अंतिम यात्रा में व्यय हुए सभी खर्च को थोड़ा-थोड़ा मिलाकर एकत्रित कर उसे कंधा दिया. ये नजारा जिसने भी देखा उसकी भी आंखें नम हो गईं. मित्रता व सहयोग की इस भावना को देख लोगो दंग रह गए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो