Cheetah Corridor: मोदी सरकार प्रोजेक्ट चीता के लिए लगातार काम रही है. मध्यप्रदेश के बाद चीते अब राजस्थान में दौड़ते हुए दिखाई देंगे. सरकार मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाने पर विचार कर रही है. सरकार कूनो से लेकर शिवपुरी, राजस्थान के मुकंदरा टाइगर रिजर्व और मंदसौर के गांधी सागर सेंचुरी तक चीता कॉरिडोर को फैलाना चाहती है. 1500 से 200 किमी में फैले कॉरिडोर में तीनों प्रदेश के 22 राज्यों को जोड़ा जाएगा.
सवाईमाधोपुर में शुक्रवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की बैठक हुई थी, जिसमें चीतों के संरक्षण को लेकर प्लानिंग हुई है. रणथंभौर शहर में हुई बैठक में कॉरिडोर के विकास को लेकर मंथन हुआ. फिजिबिलिटी स्टडी और टूरिज्म को लेकर भी अधिकारियों के बीच चर्चा हुई. अफसरों ने बताया कि वाइल्ड लाइफ फ्यूचर्ड ऑफ इंडिया ने कॉरिडोर के लिए जमीन भी ढूंढ ली है.
Cheetah Corridor: कॉरिडोर में किस राज्य के कितने जिले होंगे शामिल
चीता कॉरिडोर में राजस्थान के 13, मध्यप्रदेश के 12 और उत्तर प्रदेश के दो डिविजन शामिल हैं. राजस्थान के 10 जिले तो उत्तर प्रदेश के 13 जिले कॉरिडोर में आएंगे. दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से इस पर प्लानिंग कर रहे हैं कि कहां-कहां टूरिज्म विकसित किया जाएगा. इस पर डिटेल्ड प्लानिंग की जा रही है.
Cheetah Corridor: इन जिलों से गुजरेगा कॉरिडोर
- राजस्थान (10 जिले)- करौली, सवाई-माधोपुर, झालावाड़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, धौलपुर, कोटा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और बारां.
- मध्यप्रदेश (10 जिले)- झाबुआ, मंदसौर, अगरमालवा, गुना, श्यौपुर, शिवपुरी, मुरैना, रतलाम, राजगढ़ और नीमच.
- उत्तर प्रदेश (02 जिले)- ललितपुर और झांसी
Cheetah Corridor: चीतों से इंसान को खतरा नहीं
चीता कॉरिडोर बनाने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन होने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि आम लोगों को चीता से डरने की जरुरत नहीं है. आज तक चीते से किसी भी इंसान की मौत नहीं हुई है.