मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर इस सप्ताह सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार का समर्थन करने वाले मैहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के खिलाफ स्थानीय कांग्रेसी नेता लामबंद हो गए हैं. कांग्रेस नेताओं ने त्रिपाठी को आदतन दलबदलू बताते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से मात्र दो दिन पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के सदन में नेता के रूप में कोई भी निर्णय लेना मुख्यमंत्री कमलनाथ का विशेषाधिकार है. पार्टी की मजबूती के लिये जो उचित था, वह निर्णय उन्होंने लिया.’ उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदर का मामला है और मैहर के कांग्रेस नेताओं से बात की जायेगी.
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मालूम हो कि बुधवार को विधानसभा में एक विधेयक पर मतविभाजन के दौरान भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था. दोनों क्रमश: सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट व शहडोल जिले की ब्योहारी विधानसभा सीट से विधायक हैं.
नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव में नारायण त्रिपाठी के खिलाफ चुनाव लड़े कांग्रेस नेता श्रीकांत चतुर्वेदी ने मैहर में शुक्रवार को एक दर्जन कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि त्रिपाठी ने आठवीं बार पाला बदला है. उनकी कलई खुल गई है. उन्होने कहा, ‘हम बड़े नेताओं का सम्मान करते है, लेकिन त्रिपाठी पर निर्णय लेने से पहले हमसे विचार किया जाना चाहिये था.'
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चतुर्वेदी के साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद धर्मेश घई और श्रीनावास उरमालिया ने भी उन्हें कांग्रेस में शामिल करने को लेकर सतर्कता बरतने को कहा.