लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट बेहद खास सीट है. यह खास इस लिए भी है क्योंकि यह भाजपा का अभेद्य किला है. इंदौर लोकसभा सीट पर 1957 में पहला चुनाव हुआ था. कांग्रेस के खादीवाला को इस चुनाव में जीत हासिल हुई थी. 1957 से 1984 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही.
लेकिन जब बीजेपी ने सुमित्रा महाजन 'ताई' को इस सीट पर उतारा गया तब से यह सीट बीजेपी की ही हो गई. 2019 के आम चुनाव में इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पंकज सांघवी, बीजेपी ने शंकर लालवानी, बसपा ने इंजीनियर दीपचंद अहिरवार को टिकट मिला था. ताई ने 1989 में 9वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा था.
आखिरी चुनाव उन्होंने 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए लड़ा था. ताई लगातार 8 बार यानी 25 सालों तक इंदौर सीट से ही सांसद रहीं. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवार का नाम जल्दी नहीं दिया. जिसके कारण सुमित्रा महाजन ने खुद ही चुनाव न लड़ने का ऐलान किया.
जिसके बाद बीजेपी ने शंकर लालवानी को यहां से टिकट दिया. टिकट देने के साथ ही बीजेपी ने शंकर लालवानी के कंधों पर इंदौर को अभेद्य दुर्ग बनाए रखने की जिम्मेदारी भी दे दी. शंकर लालवानी का कहना है कि वह भारी अंतर के साथ चुनाव जीतेंगे. उनका कहना कितना सच होगा यह आज पता चलेगा जम मतगणना होगी.
Source : News Nation Bureau