लोकायुक्त पुलिस द्वारा मध्य प्रदेश में की कई अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी में गुरुवार को भी सहायक आयुक्त आलोक खरे के ठिकानों पर सर्चिग जारी रही.
अरबपति निकले सहायक आयुक्त आलोक खरे के इंदौर स्थित फ्लैट पर पहुंची लोकायुक्त टीम ने गहनता के साथ अभियान चलाया. इसमें कई टीम ने कई फाइलें भी जब्त की हैं. लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद से ही यहां पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
आलोक खरे को लोकायुक्त की टीम भोपाल से लेकर इंदौर पहुंची थी. इसकी चाबी न होने कारण इसे खोला नहीं जा सका. जानकारी के मुताबिक ग्रैंड एक्जोटिका में 10वीं मंजिल पर आलोक खरे ने 30 हजार रु. महीने में एक फ्लैट किराए पर ले रखा था. यह यहां कुछ ही दिन रहता था. स्थानीय लोग आलोक खरे को कम ही जानते थे. लोकायुक्त की छापेमारी के बाद यहां लोगों को आलोक खरे से रहने की जानकारी मिली.
यह भी पढ़ें : 5 बीवियों का खर्च उठा न सका, बन गया ठग
कार्यालय में लगा रहा ताला, दिन भर होती रही चर्चा
आलोक खरे के ठिकानों पर कार्रवाई के बाद से ही उनके कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है. उनके कक्ष पर ताला लगा हुआ है. जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त टीम ने छापेमारी के बाद कार्यालय से कुछ फाइलें भी जब्त की हैं. आलोक खरे के खिलाफ कार्रवाई के बाद विभाग के अन्य अधिकारियों से चेहरे पर भी मायूसी बनी हुई है. सहायक आयुक्त खरे की गैरमौजूदगी में सहायक जिला आबकारी अधिकारी समरप्रीत सिंह बैस कार्यालय के नियमित काम देख रहे थे. गौरतलब है कि लोकायुक्त द्वारा जब भी किसी के खिलाफ इस पर की छापेमारी की जाती है तो लोकायुक्त की ओर से संबंधित विभाग को पत्र भेजा जाता है, जिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होती है, उसे तत्काल वहां से हटा दिया जाता है.
यह भी पढ़ें : घोर लापरवाही! अस्पताल में 5 घंटे तक बेड पर पड़ा रहा शव, आंखों को खाती रहीं चींटियां
महंगे कुत्ते पालने का है शौक
आलोक खरे को महंगे कुत्ते पालने का शौक है. आलोक खरे अक्सर महंगे होटलों में आयोजित होने वाली बड़ी पार्टियों में शामिल होते दिखाई देते थे. इंदौर के कई पब संचालकों पर उनकी मेहरबानी है. हाल में एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने देर रात तक खुले रहने वाले पबों पर कार्रवाई के लिए कहा था. इसके बाद भी आबकारी विभाग सुस्त बना रहा. इसएसपी की टीम जब भी देर रात कार्रवाई के बाद निकली तो उसे आबकारी विभाग का पूरी तरह सहयोग नहीं मिला.