मध्य प्रदेश के मंडला जिले में एक शासकीय चिकित्सक को लोकायुक्त ने 25 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जिला चिकित्सालय में पदस्थ डेंटिस्ट डॉ. अशोक शर्मा ने एंटी टरमाइट पेस्ट कंट्रोल एवं केमिकल पेस्ट कंट्रोल के कांट्रेक्टर से बिल भुगतान के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी. कई महीनों तक परेशान होने के बाद कांट्रेक्टर ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर में की. जिसके बाद डॉ. को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया.
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एंटी टरमाइट पेस्ट कंट्रोल एवं केमिकल पेस्ट कंट्रोल के कांट्रेक्टर शत्रुघ्न जायसवाल ने बताया कि रोगी कल्याण समिति मंडला में उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट लिया लिया. फरवरी माह में काम पूरा होना के बाद उन्होंने 4 लाख 90 हज़ार रुपये बिल लगाया. बिल भुगतान के लिए उन्हें लगातार ऑफिस के चक्कर लगवाए जा रहे थे. बिल भुगतान के लिए डॉ. अशोक शर्मा और जिला चिकित्सालय के अकाउंटेंट रमेश कछवाहा ने 75 हज़ार रुपये की मांग की. कांट्रेक्टर ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर में की, जिसके बाद डॉ. अशोक शर्मा की प्राइवेट डेंटल क्लिनिक में 15 हज़ार रुपये नगद और 10 हज़ार रुपये का चेक दिया. रिश्वत की राशि देते ही लोकायुक्त ने चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया.
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लोकायुक्त जबलपुर के डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि टी टरमाइट पेस्ट कंट्रोल एवं केमिकल पेस्ट कंट्रोल के कांट्रेक्टर शत्रुघ्न जायसवाल के 4 लाख 90 हज़ार रुपये बिल भुक्तान के लिए रोगी कल्याण समिति के सदस्य डॉ. अशोक शर्मा और अकाउंटेंट रमेश कछवाहा ने रिश्वत की मांग की थी. इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर में की गई थी. कांट्रेक्टर की शिकायत पर डॉ. अशोक शर्मा को उनके प्राइवेट डेंटल क्लिनिक से रिश्वत की पहली किश्त 25 हज़ार रुपये लेते भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.
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