2022 विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद अब बीजेपी ने लोकसभा चुनावों की अपनी तैयारी को तेज कर दिया है. पुरानी कहावत के अनुसार दिल्ली के रास्ते उत्तर प्रदेश से होकर जाते हैं. ऐसे में बीजेपी दिल्ली को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश में अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती है, जिसके चलते पार्टी ने हारी हुई लोकसभा की सीटों पर अभी से ही केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दे दी है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 16 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. अब उन 16 लोकसभा सीटों पर पार्टी ने खास रणनीति बनाई है, ताकि पार्टी इस हार को जीत में तब्दील कर सकें और बीजेपी अपना पुराना 71 सीटों का रिकॉर्ड तोड़ सकें.
बीजेपी ने अब केंद्रीय मंत्रियों को लोकसभा की हारी हुई सीटों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है. बीजेपी ने सपा, बसपा, कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर जीत के लिए चार समूह बनाए हैं. इन समूहों के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है.
बीजेपी ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को सहारनपुर, नगीना और बिजनौर लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी है. अश्वनी वैष्णव गुरुवार को सहारनपुर दौरे पर भी हैं. वहीं, रायबरेली, मऊ घोसी, श्रावस्ती और अंबेडकरनगर सीटों की जिम्मेदारी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को मुरादाबाद,अमरोहा, संभल और मैनपुरी की जिम्मेदारी दी गई है. जौनपुर, गाजीपुर, लालगंज की ज़िम्मेदारी केंद्रीय राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी को दी गई है.
बीजेपी ने इससे पहले देशभर में 144 लोकसभा सीटों को चिन्हित किया है. उत्तर प्रदेश में 14 लोकसभा सीटों के लिए पहले भी उत्तराखंड के सांसद नरेश बंसल को जिम्मेदारी दी गई थी और इन 14 लोकसभा पर संगठन के लोगों को प्रभारी भी बनाया गया था. ऐसे में पार्टी अब इन सीटों को संगठन से लेकर सरकार तक से साधने की कोशिश कर रही है.
Source : Nishant Rai