मध्य प्रदेश में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां 16 से अधिक शिक्षक स्कूलों से गायब रहते हैं. वो बच्चों को पढ़ाने की जगह बाहर सैर सपाटा करते हैं. दरअसल, 2019-20 में स्कूलों से शिक्षकों की मांगी गई, जिसमें हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. इस रिपोर्ट के मुताबिक, एमपी में साल 2018-19 में स्कूलों में 3 लाख 20,440 शिक्षक थे. 2019-20 की स्कूल रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों में केवल 3 लाख 4225 शिक्षक ही मिले. यानि कि करीब 16 हजार से ज्यादा शिक्षक स्कूल से लापता मिले.
ये बात रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय की रिपोर्ट में सामने आया है. अब लोक शिक्षण से ने जिला शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों के शिक्षकों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगरौली से 1090, शिवपुरी से 997 सागर से 873, देवास से 782, बड़वानी से 745, कटनी से 678, विदिशा से 738, भोपाल से 06 इंदौर से 120, निवाड़ी से 24, जबलपुर से 30, नरसिंहपुर से 49, ग्वालियर से 76, धार से 119, खंडवा से 685, सीधी से 670, टीकमगढ़ से 573,उज्जैन से 548, छतरपुर से 546, झाबुआ से 502, और छिंदवाड़ा से 247 शिक्षक लापता हैं.
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स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान दिया कि स्कूल ना पहुंचने वाले शिक्षकों की मॉनिटरिंग की जा रही है. महीने की नहीं बल्कि अब हर रोज की रिपोर्ट मगाई जा रही है. सभी जिला कलेक्टर्स से शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी जा रही है. स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Source : News Nation Bureau