मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के व्यस्त रोशनपुरा चौराहे पर रोजगार की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे 44 बेरोजगार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया. हालांकि, बाद में इन पर मामला दर्ज कर सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया. युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश में ‘रोजगार दो’ अभियान की शुरुआत की.
भोपाल जोन-एक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने बताया, 'हमने बिना अनुमति के प्रदर्शन करने एवं सड़क बाधित करने के लिए बेरोजगार युवा मंच एवं कुछ अन्य संगठनों के 44 लोगों को हिरासत में लिया गया.'
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उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों ने प्रदर्शन करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोविड-19 (Covid-19) महामारी को फैलने से रोकने के लिए बनाये गये नियमों के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी. सकलेचा ने बताया कि बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के लिए 44 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया गया है. उन्हें हिरासत में लिया गया और कुछ देर बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है.
इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बेरोजगार प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. उन्होंने कहा कि एक महिला प्रदर्शनकारी के सिर पर चोट आई है. वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने कांग्रेस के इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कोई लाठीचार्ज नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की संख्या करीब 200 थी और वे प्रदेश के विभिन्न भागों से आये हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि मध्य प्रदेश पुलिस में वर्ष 2017 से खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाए. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह एवं पार्टी के विधायक पी सी शर्मा भी बेरोजगार लोगों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर गये. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शर्मा ने इन बेरोजगार लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने पर कड़ी आपत्ति भी की थी.