मध्य प्रदेश विधानसभा ने 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा देने के विधेयक को सर्वसम्मति से सोमवार को पारित कर दिया है।
इससे पहले मध्य प्रदेश कैबिनेट ने 26 नवंबर को इस बिल को अपनी मंजूरी दी थी। साथ ही गैंगरेप के दोषियों को भी फांसी की सजा को विधानसभा से मंजूरी मिली है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कहा कि दोबारा किया गया (आदतन) छेड़छाड़ एक गैर-जमानती अपराध होगा और अपराधियों को दंड दिया जाएगा।
शिवराज ने विधानसभा में कहा, 'जो लोग 12 साल की मासूम बच्ची का बलात्कार करते हैं, वो मनुष्य नहीं पिशाच हैं और उन्हें जीने का अधिकार नहीं है।'
बता दें कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां बलात्कार के मामले में इस तरह के कानून को विधानसभा से मंजूरी दी गई है। सोमवार को विधानसभा से पारित हुए विधेयक को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
दण्ड संहिता की धारा 376 AA और 376 DA के रूप में संशोधन किया गया और सजा में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा लोक अभियोजन की सुनवाई का अवसर दिए बिना जमानत नहीं होगी।
और पढ़ें: शिवराज ने अनाथालय के बच्चों से कहा, खूब खेलो-पढ़ो और आसमां छू लो
मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए महिलाओं का पीछा करने, छेड़छाड़, निर्वस्त्र करने, हमला करने और बलात्कार का आरोप साबित होने पर आरोपियों के जमानत की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी थी।
साथ ही शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करने के आरोपी को सजा के लिए 493(क) में संशोधन करके संज्ञेय अपराध बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के जारी रिपोर्ट में बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश का पहला स्थान आया था। जहां साल 2016 में राज्य के अंदर बलात्कार के 4,882 मामले दर्ज किए गए, जो कि देश में कुल दर्ज बलात्कार के मामलों का 12.5% है।
और पढ़ें: मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों में शीर्ष पर, जानिए कौन से राज्य हैं टॉप-5 में
HIGHLIGHTS
- देश का पहला राज्य, जहां बलात्कार के मामले में इस तरह के कानून को विधानसभा से मंजूरी दी गई
- हाल ही में एनसीआरबी के जारी रिपोर्ट में बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश का पहला स्थान आया था
Source : News Nation Bureau