Advertisment

अनपढ़ माता-पिता की होनहार बेटी ने परिवार को फुटपाथ से फ्लैट में पहुंचा दिया

मुख्य धारा के मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर इस छात्रा की कामयाबी की कहानी सामने आने के बाद सरकार की निगाह उस पर पड़ी. इसके बाद आईएमसी ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके के उत्थान की एक शासकीय योजना के तहत उसके परिवार को फ्लैट आवंटित किया.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
mp student

Bharti Khandekar( Photo Credit : (फाइल फोटो))

Advertisment

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के एक फुटपाथ पर पली-बढ़ी और स्ट्रीट लाइट में पढ़ी भारती खांडेकर (16) ने संघर्ष की आंच में तपी मेधा के दम पर अपने बेघर परिवार को छत मुहैया करा दी है. कक्षा 10 की परीक्षा में 68 प्रतिशत अंक लाने वाली यह होनहार छात्रा अब अपने परिवार के साथ इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के आवंटित फ्लैट में पहुंच गयी है और उसकी आंखों में आईएएस अधिकारी बनने का सपना पल रहा है. शहर के भूरी टेकरी क्षेत्र के बहुमंजिला आवासीय परिसर का फ्लैट क्रमांक "सी-307" भारती के परिवार का आशियाना है.

मुख्य धारा के मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर इस छात्रा की कामयाबी की कहानी सामने आने के बाद सरकार की निगाह उस पर पड़ी. इसके बाद आईएमसी ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके के उत्थान की एक शासकीय योजना के तहत उसके परिवार को फ्लैट आवंटित किया. इस फ्लैट में एक बेडरूम, हॉल और किचन है और भारती के परिवार को वहां इन दिनों अपनी गृहस्थी जमाते देखा जा सकता है.

और पढ़ें: 30 साल से रोजाना 15 किमी चलकर लोगों तक लेटर पहुंचा रहा है यह शख्स, इस IAS ने किया सलाम

भारती के माता-पिता को पढ़ना-लिखना नहीं आता. लेकिन आर्थिक तंगी समेत तमाम दुश्वारियों के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया. इस छात्रा के पिता दशरथ खांडेकर हाथ ठेला चलाकर मजदूरी करते हैं, जबकि उसकी माता लक्ष्मी एक स्कूल में साफ-सफाई का काम करते हुए परिवार का पेट पालने में मदद करती हैं. इस होनहार छात्रा के दो छोटे भाई-किशन और अर्जुन हैं. उसकी कामयाबी से उसका परिवार भी गदगद है.

आईएमसी की ओर से फ्लैट मिलने से पहले भारती का बेघर परिवार शहर के शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहता था. इस परिवार में 16 अप्रैल 2004 को जन्मी लड़की ने फुटपाथ पर ही होश संभाला और उसके परिवार ने शासकीय अहिल्या आश्रम विद्यालय में उसका दाखिला कराया. मुश्किल हालात से विचलित हुए बिना उसने साल-दर-साल किताबों से दोस्ती की और स्कूल से लौटने के बाद फुटपाथ पर ही स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पूरी लगन से पढ़ाई की.

नतीजतन अभावों को मात देते हुए यह होनहार छात्रा कक्षा 10 में प्रथम श्रेणी में हाल ही में उत्तीर्ण हुई है. इस कामयाबी के बाद भारती का आत्मविश्वास देखते ही बनता है और महज 16 साल की यह छात्रा साक्षात्कार के दौरान मीडिया कर्मियों के सवालों का किसी अनुभवी व्यक्ति की तरह तुरंत और बगैर अटके जवाब देती है. भारती ने आगे की पढ़ाई के लिए कक्षा 11 में वाणिज्य और कम्प्यूटर विषय चुना है.

कुछ मददगारों ने उसके नए घर में टेबल-कुर्सी और अध्ययन से जुड़ी अन्य वस्तुओं की व्यवस्था कर दी है. इसके साथ ही उसे भरोसा दिलाया है कि वे उसकी बेहतर पढ़ाई के लिए कोचिंग क्लास की फीस का जिम्मा भी उठा लेंगे.

ये भी पढ़ें: इस महिला ने अपनी छत को ही बना दिया खूबसूरत खेत, 10 साल से बिना मिट्टी के उगा रही हैं ताजा फल और सब्जियां

जीवन में आया यह बड़ा बदलाव 16 साल की इस छात्रा के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है जिसे वह सुखद आश्चर्य के साथ चमकती आंखों से निहार रही है. अब वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है. उसका कहना है कि आईएएस अधिकारी बनकर वह गरीब लोगों की मदद करना चाहती है.

madhya-pradesh mp board Flat Bharti Khandekar
Advertisment
Advertisment
Advertisment