मध्य प्रदेश के भोपाल के प्यारे मियां मामले में एक पीड़िता की मौत के बाद प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. नाबालिग पीड़िता की मौत के बाद बालिका गृह की अधिक्षिका अंतोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया है. अधिक्षिका पर प्रताड़ना का भी आरोप लगाया गया है. बता दें कि नींद की गोली खाने के बाद इलाज के दौरान बुधवार को पीड़िता ने दम तोड़ दिया.
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गौरतलब है कि समोवार को नाबालिग पीड़िता ने बालिका गृह में नींद की गोली खा ली थी. इसके बाद इलाज के लिए उसे हमीदिया अस्तपाल में भर्ती कराया गया था. हालात गंभीर होने पर पीड़िता को वेंटिलेटर पर रखा गया था. बुधवार को पीड़िता की मौत हो गई.
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उसे साजिश के तहत नींद की गोलियां दी गई थी. वहीं पीड़िता के मां का कहना है कि बालिका गृह में उनकी बेटी को अपराधियों की तरह रखा जा रहा था. परिवार के लोगों को भी उससे मिलने नहीं दिया जा रहा था. परिवार ने बालिका गृह में नींद की गोली कहां से आई इस पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं. इस लापरवाही के खिलाफ परिजनों ने अस्पताल के बाहर काफी हंगामा भी किया, जिसके बाद भारी बल में पुलिस तैनात कर दिया गया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए थे. पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी थी.
बता दें कि भोपाल में चार नाबालिग सहित पांच लड़कियों से कथित तौर पर यौन शोषण करने के आरोपी 68 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार प्यारे मियां उर्फ अब्बा के खिलाफ शाहपुरा में IPC की धारा 376, 376 (2 एन), 365 (ए), 120-बी एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत 12 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था.
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नाबालिग बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाला आरोपी पत्रकार प्यारे मियां की एक और हैवानियत सामने आई थी. जानकारी के मुताबिक, पत्रकार प्यारे मियां रेप के बाद गर्भवती हुई लड़कियों का अबॉर्शन करा देता था. इसके लिए आरोपी ने पुराने शहर में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम को चुन रखा था. वह खुद को बच्चियों का पिता बताता था. यह खुलासा चाइल्ड लाइन और पुलिस की पूछताछ में खुद प्यारे मियां ने किया है. आरोपी खुद को डॉक्टरों के सामने बच्चियों का अब्बा बताता था.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया था और कहा था कि इससे जुड़े लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उसके बाद प्यारे मियां के कई आलीशान भवनों को तोड़ा गया था, साथ ही उसकी अधिमान्यता रद्द कर दी गई थी और उसे हुआ सरकारी आवास का आवंटन रद्द कर दिया गया था.
Source : News Nation Bureau