Advertisment

नक्सली समझ कर आदिवासी युवक का एनकाउंटर, जांच दल का गठन

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस की कथित गोलीबारी में छत्तीसगढ़ के आदिवासी झाम सिंह धुर्वे की मौत के मामले में चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया है.

author-image
Vineeta Mandal
New Update
tribal encounter case

tribal encounter case( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस की कथित गोलीबारी में छत्तीसगढ़ के आदिवासी झाम सिंह धुर्वे की मौत के मामले में चार सदस्यीय जांच दल  का गठन किया है. राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मध्य प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के सहायक महानिरीक्षक सुनिल शिवहरे इस दल की अगुवाई करेंगे.

और पढ़ें: छत्तीसगढ़: आदिवासी महिला के साथ बलात्कार, सीआरपीएफ के तीन कर्मी निलंबित

उन्होंने कहा कि इस जांच दल के अन्य सदस्य सीआईडी के उप अधीक्षक पुलिस नितेश भार्गव, इंस्पेक्टर डी के मरकाम एवं सब इंस्पेक्टर कपिल गुप्ता होंगे. पुलिस महानिदेशक ने इस जांच दल को इस मामले में हर सप्ताह जानकारी देने को कहा है.

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के गढ़ी थानांतर्गत बसपहरा के जंगल में छह सितम्बर को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के बालसमुंद निवासी झाम सिंह धुर्वे की मध्य प्रदेश पुलिस की कथित गोलीबारी में मौत हो गई थी.

मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सीमा पर पुलिस की कथित गोलीबारी में एक अन्य ग्रामीण नेम सिंह धुर्वे बच गया था. छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 14 सितंबर को पत्र लिखकर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी. 

मृतक झाम सिंह के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को नक्सली समझ कर मार दिया. परिजन ने दोषियों पर केस दर्ज कर कार्रवाई करने का मांग की है. परिजनों ने बताया कि झामसिंह 6 सितंबर को अपने एक साथी के साथ बॉर्डर के पास नदी में मछली मारने गये थे. शाम को लौटते समय कुछ वर्दीधारी आवाज लगाकर रोकने लगे, तब झामसिंह और उसका साथी डर के कारण भागने लगे तो पीछे से गोली चला दी गई. जिससे उसकी मौत हो गई.

कवर्धा पुलिस पूरे मामले में जांच जारी रहने औऱ जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रही है. अब यह मामला एनकाउंटर का है या फिर हत्या का यह मजिस्ट्रियल जांच होने के बाद ही पता चलेगा. स्थानीय नेताओं ने भी मृतक के परिजनों को मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने के साथ पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

(पीटीआई इनपुट के साथ)

madhya-pradesh encounter bhopal भोपाल मध्य प्रदेश Police पुलिस naxal आदिवासी नक्सल tribal एनकाउंटर
Advertisment
Advertisment