बीजेपी विधायक दल में टूट के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने गोपाल भार्गव के बयान से किनारा कर लिया है. साथ ही राकेश सिंह ने साफ कहा है कि बीजेपी सरकार गिराना नहीं चाहती. इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान को विधानसभा में गोपाल भार्गव के नंबर एक और नंबर दो के इशारे पर सरकार गिराने वाले बयान को लेकर भी सख्त आपत्ति है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक गोपाल भार्गव से इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर गोपाल भार्गव को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा जा सकता है.
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बता दें कि कांग्रेसी नेता खुले तौर पर कई बार बीजेपी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगा चुके हैं. बुधवार को भी मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सिर्फ 24 घंटे में सरकार गिराने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'उनके दल को विधायकों की खरीद फरोख्त जैसे कार्यों पर विश्वास नहीं है, लेकिन ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो राज्य में सरकार गिराने में एक दिन भी नहीं लगेगा.'
बता दें कि गोपाल भार्गव से पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी ऐसे बयान देकर विवादों में घिर गए थे. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर केंद्रीय नेतृत्व से इशारा मिल जाए तो 15 दिन में सरकार पलट दूंगा. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने अगर बोल दिया कि खेल कर दो तो एक झटके में कर देंगे.
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विजयवर्गीय ने दावा किया था कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार बीजेपी की ही कृपा से चल रही है और जिस दिन बीजेपी आलाकमान को छींक भर आ गई तो उसी दिन राज्य में बीजेपी फिर से सत्ता में आ जाएगी. उन्होंने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी महासचिव ने कहा था, 'कमलनाथ सरकार हमारी कृपा से चल रही है. जिस दिन ऊपर से बॉस का इशारा हो जाएगा ना….."
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