मध्यप्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उप चुनाव (MP Bypolls) के लिये राजनीति पार्टियां अपनी अपनी बिसात बिछाने में लगे हैं. इस सीटों पर जीत और हार से शिवराज सरकार का भविष्य टिका है. ऐसे में दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से रणनीति बनायी जा रही है. ऐसे में आशंका है कि टिकट के बंटबारे के बाद दोनों ही दलों में बगावत होगी. ऐसी स्थिति में अगर इन सीटों पर बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतर गए तो खेल बिगड़ सकता है. इस परिस्थिति में बीजेपी की ओर से कोशिशें शुरू हो गई है.
और पढ़ें: युवाओं के लिए खुशखबरी! MP पुलिस में 4,269 पदों पर होने जा रही है भर्तियां
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक जो लोग विधानसभा की सदस्यता और कांग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए हैं, उनको टिकट मिलना तय है. ज्यादा से ज्यादा इसमें एक-दो फेरबदल हो सकते हैं.
ऐसे में कांग्रेस असंतुष्ट बीजेपी नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रही है. इस तरह वहां भी बहुत से दावेदारों की उम्मीद टूटनी तय है. अब चुनाव लड़ने की आस में अपनी-अपनी जमीन तैयार कर रहे दोनों दलों के नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय भी आ सकते हैं. ऐसी परिस्थितियों में बीजेपी नेताओं को विश्वास में लेना शुरू कर दिया गया है. ऐसे नेताओं को विश्वास दिलाया जा रहा है पार्टी उनका भरपूर ख्याल रखेगी.
इस बावत मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा, "इस मुद्दे पर कोई संदेह ही नहीं है. सिंधिया जी के साथ जो विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये थे, उनमें से अधिकतर को टिकट मिलना तय है. ऐसे में अपने कार्यकर्ता को मनाया जा रहा है. सभी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता है , लिहाजा कोई बड़ी समस्या नहीं होगी."
इस बीच बीजेपी के मीडिया वार्ताकार कृष्ण गोपाल पाठक कहते हैं, "कार्यकर्ताओं से संवाद पार्टी की निरंतर प्रक्रिया है और जब चुनाव करीब होते हैं तो अलग-अलग वर्गो के साथ कार्यकर्ताओं से भी संवाद स्थापित किए जाते हैं. वर्तमान में उपचुनाव के मद्देनजर भी ऐसा ही कुछ हो रहा है."
उनका कहना है कि वर्षो तक काम करने वाले कार्यकर्ता उम्मीद, अपेक्षा और महत्वाकांक्षा लेकर चलते हैं. जब यह पूरी नहीं होती तो वह घर भी बैठ जाते हैं. पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं को पुन: सक्रिय करने का प्रयास करती है. उसी के तहत बैठकें हो रही है और कार्यकर्ताओं से संवाद किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Good News: यात्रा भत्ते पर भी आयकर से छूट का कर सकते हैं दावा
इस बीच इस काम में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया है. प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा खुद मॉनीटर कर रहे हैं. सीटों के हिसाब से बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उपचुनाव में मालवा निमाड़ क्षेत्र की पांच सीटें हैं. इन सीटों पर जीत तय करने की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को दी गई है. लिहाजा कैलाश विजयवर्गीय ने इन क्षेत्रों में असंतुष्ट नेताओं को मनाने का काम भी शुरू कर दिया है. वे लगातार दौरा कर अंसतुष्ट नेताओं से चर्चा कर रहे हैं. उसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया चंबल और ग्वालियर संभाग की सीटों पर नजर रखेंगे.