MP Bypolls: एमपी में उपचुनाव से पहले कांग्रेस को और झटके लगने के आसार

मध्यप्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव (MP Bypolls) कांग्रेस (Congress) में हुई बगावत के कारण हो रहे हैं, मगर उसके बाद भी कांग्रेस में बगावत का दौर थमने का नाम नहीं ले रही है. आगामी लगभग एक हफ्ते में उप-चुनाव के लिए मतदान होने वाला है और इस बीच कांग्रेस को कई और झटके लगने के आसार बने हुए हैं.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
MP Bypolls

MP Bypolls( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

मध्यप्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव (MP Bypolls) कांग्रेस (Congress) में हुई बगावत के कारण हो रहे हैं, मगर उसके बाद भी कांग्रेस में बगावत का दौर थमने का नाम नहीं ले रही है. आगामी लगभग एक हफ्ते में उप-चुनाव के लिए मतदान होने वाला है और इस बीच कांग्रेस को कई और झटके लगने के आसार बने हुए हैं.

राज्य में लगभग सात माह पूर्व कांग्रेस के तत्कालीन 22 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने और बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस की कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी. उसके बाद से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वालों का सिलसिला थमा नहीं है.

पहले एक-एक कर तीन विधायकों ने सदस्यता छोड़ी और बीजेपी का दामन थामा तो चुनाव से ठीक पहले दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया.

और पढ़ें: MP Bypolls: मध्य प्रदेश उपचुनाव तय करेगा कि प्रदेश में किसकी बनेगी सरकार

पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कई और विधायक बीजेपी के संपर्क में है और संभावना इस बात की है कि मतदान के कुछ दिन पहले भी कुछ विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी ऐसा करके कांग्रेस के मनोबल को गिराने के साथ जनता के बीच यह संदेश देना चाह रही है कि कांग्रेस की किसी भी सूरत में सत्ता में वापसी संभव नहीं है. ऐसा जनमानस के बीच संदेश जाने पर बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हो सकती है और उसी के अनुसार बीजेपी आगे बढ़ रही है.

राज्य की विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है कि वर्तमान में कुल 29 स्थान रिक्त है, उनमें से 28 स्थानों पर उप-चुनाव हो रहे हैं. इस तरह राज्य में जिस भी दल के पास 115 विधायक होंगे, वही सरकार बना लेगा. बीजेपी के पास 107 विधायक पहले से ही हैं, उसे पूर्ण बहुमत के लिए आठ विधायकों की जरुरत है. उसे चार निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन पहले ही दे दिया है.

वहीं सपा-बसपा के भी विधायक सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. इस तरह बीजेपी को एक विधायक की जरुरत है. बाहर से समर्थन देने वालों को अलग कर दिया जाए तो बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा आठ सीटों पर जीत जरूरी है. कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं और उसे पूर्ण बहुमत के लिए 28 विधायकों की जरुरत है. इस तरह उसे उप-चुनाव में सभी स्थानों पर जीत जरुरी है. वहीं निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों का समर्थन हासिल करने पर कांग्रेस को कम से कम 21 सीटें जीतना जरुरी है.

ये भी पढ़ें: राहुल लोधी के BJP में शामिल होने के बाद फूटा कांग्रेस का गुस्सा, कार्यकर्ताओं ने किया विरोध-प्रदर्शन

राजनीतिक विश्लेशक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि राज्य के विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में न तो माहौल है और न ही अंक गणित. बीजेपी इस बात को मतदाता ही नहीं अपने दल के नेताओं के बीच भी स्थापित करना चाहती है.

साथ ही दल बदल करने की सोच रहे नेताओं को भी साफ संदेश दिया जा रहा है. इसी रणनीति पर बीजेपी काम कर रही है. यही कारण है कि कांग्रेस के नेता को जोड़ने में परहेज नहीं किया जा रहा है. आने वाले दिनों में कुछ और विधायक बीजेपी में आ जाएं तो किसी को अचरज नहीं हेाना चाहिए.

Source : IANS

congress madhya-pradesh मध्य प्रदेश कांग्रेस Congress MLA Kamal Nath कमलनाथ शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस विधायक MP Bypolls एमपी उपचुनाव
Advertisment
Advertisment
Advertisment