मध्य प्रदेश में उप-चुनाव होने में भला अभी समय है लेकिन वहां की राजनीति हर दिन एक नया मोड़ लेती हुई नजर आ रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच अभी से चुनावी घमासान देख जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ राज्य में बीएसपी के नेता कांग्रेस का 'हाथ' थाम रहे हैं. प्रागी लाल जाटव सहित करीब दो दर्जन बीएसपी नेता रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बात दें कि प्रागी लाल शिवपुरी में करेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
BSP नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.बता दें कि फिलहाल राज्य में उपचुनाव (By-Polls) जरूरी हो गए हैं क्योंकि विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सीटें खाली हो गईं. उपचुनाव सितंबर में होने की उम्मीद है जताई जा रही हैं.
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वहीं बता दें कि मध्य प्रदेश में आगामी समय में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी गंभीर है और उसने चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि पार्टी ने दिग्गज नेताओं को ही मोर्चे पर लगाने का मन बना लिया है. यह बात चुनाव के लिए बनी संचालन समिति और प्रबंध समिति से जाहिर भी हो रही है.
राज्य में लगभग डेढ़ साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद ढाई महीने पहले बीजेपी के हाथ में सत्ता की कमान आई है. विधानसभा के सदस्य गणित पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ होती है कि बीजेपी के पास वर्तमान में पूर्ण बहुमत नहीं है और इसके लिए उसे आगामी समय में 24 स्थानों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कम से कम 9 सीटें जीतना जरूरी है और उसे अभी नौ विधायकों की और जरूरत है.
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राज्य विधानसभा में सदस्य संख्या 230 है और पूर्ण बहुमत के लिए 116 विधायक की संख्या होना आवश्यक है वर्तमान में बीजेपी के 107 विधायक हैं इस तरह नौ सीटें जीतने पर ही उसे पूर्ण बहुमत मिल सकता है.