मध्य प्रदेश के भोपाल में एक बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट के हनीट्रैप में मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री और गर्वनर सहित कई नौकरशाह और नेता फंसे हैं, जिन्हें बॉलीवुड की कुछ बी-ग्रेड अभिनेत्रियों समेत 40 से अधिक कॉल गर्ल्स मुहैया कराई जाती थी. इसमें शामिल नौकरशाहों और राजनेताओं की कार्ल गर्ल्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में 92 उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो क्लिप सामने आएं हैं. सेक्स-ब्लैकमेल और जबरन वसूली रैकेट के आरोप में गिरफ्तार पांच महिलाओं के पास से दो लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिसने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है.
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), संजीव शमी के नेतृत्व में एमपी पुलिस की विशेष जांच टीम उन स्थानों की लोकेशन के साथ वीडियो क्लिप का मिलान कर साक्ष्य जुटा रही है, जहां इसे कॉल गर्ल्स द्वारा या सेक्स और ब्लैकमेलिंग रैकेट चला रही महिलाओं द्वारा शूट किया गया था. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार भाजपा नेताओं को निशाना बना रही है और मामले की जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की. एसआईटी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सेक्स रैकेट की सरगना श्वेता स्वप्निल जैन को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है, जिसमें राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कार्यालयों में कार्यरत राजनेताओं और राजनेताओं को हनीट्रैप करने के लिए शीर्ष कॉल गर्ल्स को किराए पर रखा था.
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एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में श्वेता के पति स्वप्निल जैन के पास से पांच हार्ड डिस्क जब्त किए गए हैं. उन्होंने कहा, "एक नौकरशाह या एक मंत्री के साथ शुरुआती मुलाकात के बाद, श्वेता उन्हें सेक्स के लिए किसी गेस्ट हाउस या पांच सितारा सुइट में लड़कियां उपलब्ध कराती थी. उस दौरान नौकरशाह और नेता जब उस लड़की के साथ सेक्स कर रहे होते थे, उनका वीडियो हिडेन कैमरा से रिकार्ड कर लिया जाता था."
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आधिकारिक दौरे पर मुंबई या दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले 'लक्ष्य' (कई नौकरशाह और नेताओं) को अक्सर मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्रियों को मुहैया कराई जाती थी. हालांकि, एसआईटी को अभी तक ऐसा कोई वीडियो क्लिप हाथ नहीं लगा है, जहां ये किसी जानी-मानी अभिनेत्री के साथ सेक्स करते नजर आएं हों. श्वेता ने अपने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि एक बार एक मंत्री या सचिव से अपने एनजीओ के लिए आकर्षक सरकारी ठेका पाने के लिए उसने हनीट्रैप कर सेक्स सेवाएं मुहैया कराई थी.
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सूत्रों ने बताया कि श्वेता ने स्वीकार किया कि उनके पति द्वारा चलाए गए एनजीओ को भोपाल नगर निगम से 8 करोड़ रुपये के अनुबंध प्राप्त हुआ था. ऐसे कई ठेके विभिन्न राज्य सरकार के विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, आवास, समाज कल्याण और अन्य सरकारी निगमों से भी प्राप्त किए गए थे. श्वेता ने यह भी स्वीकार किया कि मप्र के एक पूर्व सीएम ने उन्हें पॉश भोपाल क्षेत्र में मीनल रेजीडेंसी में एक बंगला भेंट किया है.
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सेक्स रैकेट में पूर्व मंत्रियों और नौकरशाहों की संलिप्तता पर राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि रैकेट भोपाल, इंदौर और मप्र के अन्य प्रमुख शहरों में संचालित किया जा रहा है. "यह (रैकेट) वर्षो से चल रहा था, इसलिए ब्लैकमेल में शामिल 80 फीसदी नेता भाजपा के हैं. पुलिस को सभी नेताओं के नाम मिले हैं, हालांकि मैं तब तक कोई नाम नहीं लूंगा जब तक कि किसी नेता या नौकरशाह की गिरफ्तारी नहीं होती है."
कांग्रेस नेताओं के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर, मिश्रा ने कहा कि सिंडिकेट के हनीट्रैप में लगभग 20 फीसदी कांग्रेसी पदाधिकारी भी शामिल रहे हैं. इस स्कैंडल को प्रमुख से उजागर करनेवाले मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "हम कांग्रेस के लोगों को भी गिरफ्तार कर लेंगे, अगर संचालकों को उपकृत करने में उनकी संलिप्तता साबित होती है. लेकिन मैं फिर से दोहरा दूं कि स्कैंडल में लिप्त अधिकतर नेता भारतीय जनता पार्टी के हैं."
श्वेता जैन के अलावा, एसआईटी द्वारा गिरफ्तार की गई एक अन्य महिला आरती दयाल ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह एमपी कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के संपर्क में आई थी जिसने उन्हें कई मंत्रियों से मिलवाया था. आरती ने कहा कि वह लगातार आईएएस अधिकारी को सेवाएं मुहैया कराती थी, जिसने भोपाल में उसके लिए एक फ्लैट की व्यवस्था की. बाद में, आरती ने उस फ्लैट में तमाम किस्म की अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया.
आरती ने यह भी खुलासा किया कि फ्लैट के कुछ कमरों में जासूसी कैमरे लगाए गए थे, जहां राजनेता, नौकरशाह और शीर्ष सरकारी इंजीनियर कॉलगर्ल्स से सेक्स करते थे. आरती ने स्टिंग ऑपरेशन करने में कॉल गर्ल्स को भी नियुक्त किया. कुछ मामलों में, आरती ने बी ग्रेड बॉलीवुड हीरोइनों और मॉडलों की भी सेक्स सेवाएं मंत्रियों को उपलब्ध कराई.
रैकेट की मास्टरमाइंड श्वेता की तरह, आरती ने एक एनजीओ का गठन किया था और लड़कियों को मुहैया कराने के एवज में संबंधित मंत्रियों से कई बड़े ठेके हासिल किए. आरती ने यह भी खुलासा किया कि केवल कुछ मामलों में ही संलिप्त नेता या नौकरशाह को उनके सेक्स वीडियो को दिखाकर सरकारी ठेका देने का दवाब बनाया जाता था, जबकि अधिकांश मामलों में नेता और नौकरशाह सेक्स के बदले खुद ही बड़े सरकारी ठेके दे देते थे.
एसआईटी के सूत्रों ने खुलासा किया कि वीडियो क्लिप की फोरेंसिक जांच के बाद, सिंडिकेट द्वारा ब्लैकमेल करने वाले व्यक्तियों की पहचान की जाएगी. उसके बाद उन हाई प्रोफाइल लोगों (नेता और नौकरशाह) के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, जिन्होंने सेक्स के बदले मालदार ठेके मुहैया कराए.