मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभालते ही किसानों की कर्जमाफी का आदेश जारी कर दिया है. शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ सीधे सचिवालय पहुंचे, जहां उन्होंने कई फाइलों पर दस्तखत किए. कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ राजेश राजौरा के हस्ताक्षर से सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि 'राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्र किसानों के दो लाख रुपये की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण को माफ किया जाता है।'
किसानों की कर्जमाफी पर दस्तखत के बाद कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'हमने अपना वचन निभाया, किसानों का कर्ज चुकाया, उम्मीदों का बीज लगाएंगे, खेतों की खुशिया लौटाएंगे, #CongressNeVachanNibhaya.'
कांग्रेस ने चुनाव से पहले वचनपत्र जारी किया था, जिसमें किसानों की कर्जमाफी सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर करने का भरोसा दिलाया गया था. कमलनाथ किसानों की कर्जमाफी पर मुहर लगाने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर कई सारे अहम फैसले लिए और कई प्रशासनिक आदेश दिए. कमलनाथ के प्रेस कांफ्रेंस की अहम बातें...
- कमलनाथ ने कहा कि मैंने पहली फाइल जो साइन की है वह किसानों के कर्जमाफी की है.
- मैं सरकारी बैंकों से कहना चाहता हूं कि जब आप बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर देते हैं तो किसानों का कर्ज माफ करने में क्या दिक्कत है.
- उन्होंने कहा कि जो भी हमारी योजना है वो तभी लागू होगी जब राज्य में 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को मिलेगा
- मैंने कन्यादान योजना (विवाह) के लिए राशि बढ़ाकर 51,000 रुपये करने का आदेश दिया
- चार गारमेंट्स पार्क खोले जाएंगे
- अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) की नियुक्ति के निर्देश
- सरकारी संस्थाओं में RSS की शाखाओं को बंद करेंगे, यह कोई नई बात नहीं है गुजरात में भी ऐसा ही है.
- मैं उस अधिकारी को बर्दाश्त नहीं करने वाला जो यह कहे कि यह काम अभी नहीं हो सकता है
इससे पहले सोमवार को कमलनाथ ने भोपाल के जंबूरी मैदान में एक भव्य समारोह में मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. कमलनाथ को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा सीट से 9 बार सांसद रह चुके और मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 15 साल के बीजेपी शासन का अंत होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
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1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से निर्वाचित होने के बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में लोकसभा के लिए चुने गए. कमलनाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 तक केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे.
Source : News Nation Bureau