मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को तय नियमों और समय सीमा के भीतर पदोन्नति का लाभ मिल पाना कठिन होता जा रहा है, वेतनमान और क्रमोन्नति जरूर मिल जाती है, लेकिन पदोन्नति नहीं मिल पाती. इस स्थिति से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वाकिफ हैं, यही कारण है कि उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी विभागों के कर्मचारियों को पात्रतानुसार जल्दी पदोन्नति दी जाए.
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी विभागों के शासकीय कर्मचारियों को पात्रता अनुसार शीघ्र पदोन्नति दी जाए. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग बिना विलंब के नियमानुसार सर्वसम्मत हल निकालकर कार्रवाई करे. अब इस कार्य में और अधिक विलंब नहीं होना चाहिए.
और पढ़ें: एमपी में रोजगार उत्सव की शुरुआत, हर साल 12 लाख युवा को मिलेगी नौकरी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विभागीय कार्यो एवं योजनाओं की प्रगति के संबंध में अधिकारी यह न लिखें कि निर्देश जारी किए गए, यह बताएं कि क्या कार्य हुआ है. केवल कनिष्ठ कार्यालय को निर्देश जारी करना वरिष्ठ कार्यालय का दायित्व नहीं है. कार्य सुनिश्चित कराना भी जरूरी है.
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश की अन्य प्रदेशों में स्थित संपत्तियां की नियमित रूप से देखरेख की जाए तथा इन पर कब्जे न हों, इसका ध्यान रखा जाए. बताया गया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप की अनुशंसा के अनुरूप मध्यप्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर शासकीय कर्मचारी को सूचना तकनीकी में दक्ष होना जरूरी है. इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए. साथ ही, सभी शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति पर उनके सभी स्वत्वों का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित किया जाए. यह कर्मचारी कल्याण का प्रमुख बिंदु है.
Source : IANS