मध्य प्रदेश में विवादों में घिरे रहने वाले नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा, क्योंकि न्यायालय से जमानत नहीं मिली है. वहीं उनके करीबियों पर भी पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. राज्य में कमल नाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल करने और सत्ता बदलाव के बाद बगावती विधायकों के खिलाफ खुले तौर पर मोर्चा खोलने को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश करने वाले कंप्यूटर बाबा मुसीबतों के घिरते जा रहे हैं. कंप्यूटर बाबा का जम्बूरी हप्सी गांव में गोमट गिरी आश्रम है. इस आश्रम में कच्चा और पक्का निर्माण किया गया था, इस अतिक्रमण को अतिक्रमण विरोधी दस्ता ने पिछले दिनों ढहा दिया था.
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न किए जाने पर प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत कंप्यूटर बाबा को पुलिस अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेजने की कार्यवाही की गई थी. प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही में कंप्यूटर बाबा सहित कुल सात व्यक्तियों को जेल भेजा गया था. उसके बाद कई और मामले उनके खिलाफ दर्ज हुए और बीते 10 दिन से वे जेल में ही हैं. नगर निगम प्रशासन और पुलिस ने मंगलवार को कंप्यूटर बाबा के करीबी रमेश तोमर के खिलाफ कार्रवाई की. उसके द्वारा किए गए अतिक्रमण को ढहाया गया. कंप्यूटर बाबा के आश्रम में एक कार मिली थी, जिसका मालिक रमेश तोमर निकला.
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बताया गया है कि जब प्रशासन ने इसकी छानबीन की तो पता चला कि रमेश तोमर के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और उसने विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण कर कब्जा कर भवनों का निर्माण कर रखा है. ऐसे अतिक्रमण कर बनाए गए भवनों को ढहाने की मंगलवार से कार्रवाई मूसाखेड़ी के इदरीस नगर मे शुरू हुई. कंप्यूटर बाबा को अभी आने वाले दिनों में भी जेल में रहना होगा, क्योंकि उन्हें जमानत नहीं मिली हैं. एरोडम थाने के प्रभारी राहुल शर्मा ने बताया है कि कंप्यूटर बाबा को जमानत न मिलने पर जेल भेज दिया गया है. वहीं बाबा से संवाददाताओं ने बात करना चाही, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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ज्ञात हो कि कंप्यूटर बाबा ने दलबदल करने वाले तत्कालीन विधायकों सहित भाजपा के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ अभियान यात्रा निकाली थी और भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ उप-चुनाव में प्रचार किया था. कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार पर बदले की कार्रवाई किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में कंप्यूटर बाबा पर शिकंजा और कस सकता है. इसके साथ ही बैंक खातों से बड़े पैमाने पर रकम का लेनदेन का भी पता चला है. उनके करीबियों पर कार्रवाई तय है. कांग्रेस ने बाबा के गिरफ्तार होने के बाद जरुर विधायकों को उनसे मुलाकात करने जेल भेजा था, मगर उसके बाद से कांग्रेस ने भी बाबा को अपने हाल पर छोड़ दिया है.
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