मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेता ने बीजेपी को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि उन्होंने सीबीआई का खूब गलत इस्तेमाल किया है. शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी सबसे ज्यादा भ्रष्ट पार्टी है. साल 2013 की आयकर रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी नीरज वशिष्ठ का नाम सामने आया था. उस दौरान ये पैसे गुजरात ट्रांसफर किए गए थे.
इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह के जांच के लिए तैयार है. बता दें कि दिग्विजय सिंह सीबीआई के साथ कांग्रेस नेताओं के नाम सामने आने और साल 2019 के चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर सफाई पेश कर रहे थे.
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बता दें कि साल 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव से पहले आयकर विभाग ने भोपाल में कई स्थानों पर छापे मारे थे. छापे भोपाल, दिल्ली सहित 52 स्थानों पर पड़े थे. इनमें कमल नाथ के कई करीबी शामिल थे. इन छापों में 93 करोड़ रुपये के लेन-देन के दस्तावेज और चार करोड़ रुपये की बरामदगी हुई थी. इस मामले को लेकर सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में तीन आईपीएस अफसरों पर मामला दर्ज किया जाए. वहीं तत्कालीन कई मंत्रियों और अफसरों पर भी कार्रवाई संभावित है.
वहीं इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं पर आयकर छापे इसलिए मारे गए, क्योंकि कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में सिंहस्थ, ई-टेंडरिंग से लेकर कई घोटालों पर सख्ती दिखाई थी. कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सरकार गिराने का काम बौखलाहट में किया. बता दें हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर प्रदेश सरकार को गिराया गया था.
इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा राज्य सरकार को लिखे गए पत्र के खुलासे के बाद राज्य की सियासत गर्मा गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चुनाव आयोग की तरफ से दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं, जैसे ही विवरण और जानकारी मिलेगी, तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि वे तो पहले ही कह चुके थे कि प्रदेश में कमल नाथ की सरकार के काल में भ्रष्टाचार हुआ है, इसमें उनके कारिंदे भी शामिल रहे हैं. अब यह बात सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा राज्य के मुख्य सचिव और निर्वाचन पदाधिकारी को लिखे गए पत्र से साफ हो गई है.
पत्र में कहा गया है कि तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. इन अधिकारियों पर एफआईआर तो होगी ही, साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ और उनके करीबियों पर भी एफआईआर होना चाहिए. शर्मा ने आगे कहा कि कमल नाथ को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही उन लोगों का निर्वाचन भी शून्य घोषित किया जाना चाहिए, जो इसमें शामिल है.
Source : News Nation Bureau