मध्य प्रदेश में हिंदू महासभा के ग्वालियर से इकलौते पार्षद रहे और गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) को कांग्रेस (Congress) की सदस्यता दिलाई जाने के बाद से ही पार्टी में शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां बाबूलाल का विरोध हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर सवाल करने वालों के खिलाफ भी लोग सामने आने लगे हैं. बीते दिनों भोपाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) की मौजूदगी में बाबूलाल चौरसिया ने कांग्रेस का दामन थामा था. चौरसिया 2014 में हुए ग्वालियर नगर निगम के चुनाव में हिंदू महासभा के उम्मीदवार के तौर पर पार्षद का चुनाव जीते थे. इस घटना के बाद हिंदू महासभा ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर पार्टी का नाम बदलने की सलाह तक दे डाली है.
तमाम कांग्रेसी नेता चौरसिया के प्रवेश के खिलाफ
इतना ही नहीं गोडसे की प्रतिमा के अभिषेक और पूजा अर्चना करने वालों में चौरसिया के भी शामिल होने के आरोप लगे थे. इतना ही नहीं उनके खिलाफ तत्कालीन कमल नाथ की सरकार के कार्यकाल में पुलिस थाने में भी मामला दर्ज कराया गया था. चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी के तमाम बड़े नेताओं जिनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व मंत्री सुभाष कुमार सोजतिया, पूर्व मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल सहित अनेक लोगों ने खुलकर एतराज दर्ज कराया था. वहीं ग्वालियर में कांग्रेस समर्थकों ने गांधी प्रतिमा का भी गंगाजल से शुद्धीकरण किया है जिस पर चौरसिया ने माल्यार्पण किया था. एक तरफ जहां चैरसिया का विरोध हो रहा है, वहीं चैरसिया के खिलाफ आवाज उठाने वाले कांग्रेस के मीडिया विभाग के पूर्व अध्यक्ष मानक अग्रवाल को ही पार्टी से बाहर करने की मांग उठने लगी है. होशंगाबाद के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार ने पार्टी की राष्ट्रीय अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक को पत्र लिखकर मानक अग्रवाल को पार्टी से बाहर करने की मांग की है.
हिंदू महासभा ने लिखी राहुल गांधी को चिट्ठी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक चिट्ठी हिंदू महासभा के महामंत्री विनोद जोशी ने भी लिखी है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस ने अपनी गलती स्वीकार की है और गांधीवादी कांग्रेस में गांधी की हत्या करने वाली गोडसे की विचारधारा को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि ग्वालियर में नाथूराम गोडसे का मंदिर निर्माण करने वाले पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया अकेले ही कांग्रेस में सदस्यता ले पाए. इससे सिद्ध होता है कि गांधीवादी कांग्रेस में अब आम नागरिक आना नहीं चाहता है. इसलिए पार्टी का नाम बदलकर 'गोडसेवादी कांग्रेस' रख लेना चाहिए, जिससे आपका राजनीतिक स्वरूप बच सके और गोडसेवादी संगठन की शक्ति बढ़ाएं.
HIGHLIGHTS
- ग्वालियर में बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में आने पर रार
- कमलनाथ की मौजूदगी में ली थी चौरसिया ने सदस्यता
- नाथूराम गोडसे की प्रतिमा के कार्यक्रम में थे शामिल