मध्य प्रदेश के आगर मालवा में ठंड के कारण 18 गायों की मौत हो गई. आगर मालवा के कलक्टर अजय गुप्ता ने गायों की मौत पर कहा, "सभी गायों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है. हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि रोगग्रस्त गायों की मृत्यु न हो. हम शीतलहर से निपटने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं."
वहीं आवारा गौवंश को गौशालाओं में संरक्षित किये जाने की घोषणा प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव के किए जाने के बाद लगा की अब गायों की हातल में सुधार होगा, लेकिन नगर पालिका और निगम की गौशाला पर भीषण संकट आ गया है. 500 की क्षमता वाले गौशाला में 3 हजार से अधिक गौवंश पहुंच चुका है.
दुरस्थ अंचलों से ग्रामीण गौवंश को खदेड़ते हुये इस गौशाला में ला रहे हैं. जबकि मुरैना जिले में एक दर्जन के लगभग अन्य अशासकीय गौशालायें संचालित हैं. वहीं ग्राम पंचायतों में भी दो दर्जन से अधिक गौशालायें बनी है. लेकिन इनका संचालन कब शुरू होगा ये समझ से परे है.
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स्वयं को गौवंश का संरक्षक बताने वाले कमल दल वालों की सरकार मध्य प्रदेश में नहीं हैं. 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सरकार ने गौवंश को गौशालाओं में संरक्षित करने के सिर्फ मौखिक निर्देश दे दिये. सरकार ये तो स्वीकार कर रही है कि चम्बल और ग्वालियर संभाग के एक दर्जन से अधिक जिलों में फसलों पर आवारा गौवंश के कारण संकट बना हुआ है. और किसान परेशान है. लेकिन कोई राहत नहीं दे पा रही है.
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ठंड से बिलखता गौवंश 500 की व्यवस्थाओं में 3 हजार की स्थिति को समाने के कारण गुस्से में है..व्यवस्थाओं के चरमराने के कारण घायल गौवंशों की देख-रेख नहीं हो पा रही है. इससे 8 दिन के दौरान ही डेढ़ दर्जन से अधिक गौवंश काल के गाल में समा चुका है.
Source : News Nation Bureau